Pachmarhi News: सतपुड़ा की रानी (Satpura Hills) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शान पचमढ़ी (Pachmarhi) में आजकल प्रसिद्ध नागद्वारी मेला (Nagdwari Fair) चल रहा है. सावन के महीने में यह 23 जुलाई से शुरू हुआ है और तीन अगस्त तक चलेगा. इस भव्य मेले का आयोजन प्रशासन की देखरेख में होता है. दुर्गम रास्तों से होते हुए कई किलोमीटर का सफर तय कर श्रद्धालु नाग देवता के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं. यह मंदिर अद्भुत दंत कथाओं एवं पौराणिक महत्व के लिए जाना जाता है.


लगभग 12 से 13 किलोमीटर की है पैदल यात्रा
यह रास्ता साल में केवल एक बार नागद्वारी मेले के लिए ही खुलता है इसलिए यहां का विशेष महत्व है. यहां पर कई गुफाएं स्थित हैं इन गुफाओं में नाग देवता की सैकड़ों प्रतिमाएं भक्तों को दर्शन देने के लिए उपस्थित है. इस दौरान प्रत्यक्ष रूप से भी यात्रा के मार्ग में नाग देवता के दर्शन यात्रियों को मिलते हैं. दुर्गम रास्तों से होते हुए लगभग 12 से 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा श्रद्धालु नागद्वारी मेले में जाने के लिए करते हैं. जानकारी के अनुसार कई सालों से यहां सावन महीने में मेला लगता है. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से आते हैं.


नागपंचमी के भारी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
यह भी इत्तेफाक है कि एक अगस्त यानी आज पर्वतरोहण दिवस है और कल नागपंचमी के दिन मेले का मुख्य दिन है. इस मायने में भी नागद्वार की यात्रा विशेष हो गई. आज और कल दोनों ही दिन सबसे अधिक करीब एक लाख श्रद्धालु इस ऊंचे पहाड़ की चढ़ाई चढ़ेंगे और नाग देवता का पूजन करेंगे. मेले को लेकर अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर बताया कि नागद्वारी मेले में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधा व्यवस्था की गई है. पिछले एक सप्ताह से श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है. साफ पेयजल सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस बल तैनात है.


आस्था और दिव्यता वाला मेला
देवाधिदेव महादेव की नगरी कहलाने वाली पचमढ़ी में हर साल यह मेला आस्था और दिव्यता लिए आता है. आस्था के इस समागम में नागद्वारी पहुंचकर नागराज के दर्शन को बाबा अमरनाथ के दर्शन के समान माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि श्रावण मेले के दौरान नागद्वारी मंदिर में दर्शन करने से कालसर्प दोष दूर होता है और संतान की प्राप्ति होती है.


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