नर्मदा नदी पर लगाए गए सोलर पैनल, 700 मेगावाट बिजली पैदा करने का है लक्ष्य
MP News: मध्य प्रदेश में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा मिल रहा है, जिसमें ओंकारेश्वर सोलर प्रोजेक्ट शामिल है. यह परियोजना भविष्य में 700 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने का लक्ष्य है.
मध्य प्रदेश में सोलर ऊर्जा से बिजली उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में काफी काम हो रहा है. अगर मेट्रो सिटी की बात करें, तो नगर निगम घर-घर में सोलर पैनल लगाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है.
इसके अलावा, अब नर्मदा नदी पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं. ओंकारेश्वर के नजदीक चल रहे इस प्रोजेक्ट में सफलता मिली है और लगभग 40 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है. इस प्रोजेक्ट से एक पूरे शहर की बिजली आपूर्ति आराम से की जा सकती है. उदाहरण के लिए, महू शहर की 40 मेगावाट बिजली की खपत को यह प्लांट आसानी से पूरा कर सकता है.
आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है ?
सोलर बिजली बनाने को लेकर सरकार लोगों में जागरूकता तो फैला ही रही है, साथ ही मध्य प्रदेश में कई बड़े सोलर प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं. इन्हीं में से एक प्रोजेक्ट ओंकारेश्वर के पास स्थित है, जहां नर्मदा नदी की लहरों पर तैरती सोलर प्लेट्स से बिजली का उत्पादन हो रहा है.
इस प्रोजेक्ट में सूर्य की किरणों से करीब 40 मेगावाट बिजली बनाई जा रही है. बीते मंगलवार और बुधवार को यहां लगभग 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ. आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य भविष्य में करीब 700 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है. इंदौर में प्रतिदिन लगभग 700 मेगावाट बिजली की खपत होती है, यानी इस प्रोजेक्ट से इंदौर शहर की बिजली आपूर्ति आसानी से पूरी की जा सकेगी.
इस पूरे प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए कई एजेंसियां और कई कर्मचारी, जिनमें इंजीनियर भी शामिल हैं, मिशन में लगे हुए हैं. यह प्रोजेक्ट नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर बांध के बैक वाटर पर तैयार किया गया है, जहां बिजली को आगे तक पहुंचाने के लिए बड़े-बड़े ग्रिड लगाए गए हैं. इन ग्रिड्स की क्षमता 33,000 वोल्ट से लेकर 132,000 वोल्ट तक है.
नर्मदा नदी के कई जगह पर बड़े-बड़े डैम बना दिए गए हैं.
अगर हम अन्य शहरों की बात करें, तो मध्य प्रदेश में अब चंबल नदी, ताप्ती नदी और नर्मदा नदी के कई जगह पर बड़े-बड़े डैम बना दिए गए हैं. इन जगहों पर बैक वॉटर पर्सनल सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं, जिससे सौर ऊर्जा के जरिए बिजली उत्पादन बहुत आसान हो जाएगा. ओंकारेश्वर प्रोजेक्ट की बात करें तो यहां से बिजली के उत्पादन का पहला चरण शुरू हो चुका है और आगे जाकर इसे 700 मेगावाट तक पहुंचाने का प्लान है.
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