MP Nasrullaganj Name Change: नाम बदलने की सियासत में सीएम सिवराज सिंह चौहान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से भी आगे निकल गए हैं. सीएम ने अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी के अंतर्गत आने वाली तहसील नसरुल्लागंज का नाम बदलकर अब भैरूंदा कर दिया है. बता दें कि सीएम ने साल 2021 में नसरुल्लागंज के नाम को भैरूंदा करने की घोषणा की थी जिसके बाद प्रशासनिक प्रक्रिया से गुजरते हुए आज नसरुल्लागंज के गौरव दिवस के अवसर पर सुबह राजपत्र जारी होते ही नसरुल्लागंज भैरूंदा हो गया है जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है.


कभी भैरूंदा नाम से ही जाना जाता था नसरुल्लागंज
यदि भैरूंदा के इतिहास पर नजर डाली जाए तो प्राचीन काल में यह स्थान नसरुल्लागंज नहीं बल्कि भैरूंदा के नाम से ही जाना जाता था क्योंकि इस क्षेत्र के आसपास विशेष तौर पर उस दौर में कलोता समाज के लोग बहुतायत मात्रा में पाए जाते थे जिनके आराध्य भैरव देव थे, भैरव देव में विशेष आस्था होने के कारण इस क्षेत्र को भैरूंदा नाम से जाना जाता था. बाद में सल्तनत काल  के दौरान भोपाल के नवाब ने इसे नसरुल्लागंज में तब्दील कर दिया था.


ऐसे पड़ा था भैरूंदा का नाम नसरुल्लागंज
यदि ऐतिहासिक तथ्यों पर नजर डाली जाए तो 1908 के अंग्रेजों के गजट में भी इस स्थान का नाम भैरूंदा ही था. नवाबी दौर में भोपाल नवाब सुल्तान जहां बेगम ने अपने बेटे नसरुल्लाह खां को इस क्षेत्र की जागीर प्रदान की थी जिसके चलते इस स्थान का नाम नसरुल्लागंज पड़ा था जो लंबे समय तक नसरुल्लागंज ही रहा.


 मध्य प्रदेश की सरकार वर्तमान समय में सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने को लेकर विशेष संवेदना बरत रही है जिसके चलते लोगों की मांग पर नसरुल्लागंज का नाम भैरूंदा कर दिया गया है क्योंकि नाम बदलने की प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है इसीलिये लगभग 2 वर्षों के बाद केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर आज गौरव दिवस के अवसर पर नसरुल्लागंज का नामकरण भैरूंदा कर दिया गया है.


योगी आदित्यनाथ से भी आगे निकले सीएम शिवराज
 वैसे तो देश के अंदर बीते कुछ वर्षों से नामकरण की सियासत लगातार जारी है जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद को प्रयागराज में बदलकर की थी. तब से अब तक उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश के कई स्थानों का नाम बदला जा चुका है. इस मामले में मध्य प्रदेश अब उत्तर प्रदेश से भी आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है.


अभी हाल ही में भोपाल के पास स्थित इस्लामनगर का नाम बदलकर जगदीशपुर किया गया था तथा उसके कुछ दिन पहले ही भोपाल हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति को समर्पित किया गया था.


नाम बदलने को लेकर गरमाई मध्य प्रदेश की सियासत


नाम बदलने की सियासत को लेकर विपक्ष ने कई बार सरकार को घेरने की कोशिश भी की है. विपक्ष हमेशा आरोप लगाता रहा है कि सरकार विकास के मुद्दों से भटकाने के लिए इस तरह के घटनाक्रम को साकार करती है. इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, अब देखना यह है कि क्या नाम बदलने के सियासत का शिवराज सिंह को फायदा मिलेगा या सत्ता की चाबी विपक्ष के हाथों में होगी.


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