MP New Excise Policy: मध्यप्रदेश कैबिनेट की नई आबकारी नीति से घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. नई शराब नीति आने के बाद लाभ-हानि की चर्चा शुरू हो गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि शराब की दुकानों से कम राजस्व मिलेगा.


बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कहा कि कैबिनेट ने सभी शराब दुकानों के अहाते बंद करने पर मुहर लगाई है. सरकार के एलान से शराब ठेकेदारों में खलबली मच गई. शहर से लेकर गांव तक चर्चा होने लगी कि अहाते बंद होने पर लोग शराब का सेवन कहां करेंगे?


नई आबकारी नीति से क्या बढ़ जाएगी घरेलू हिंसा?


शहरी क्षेत्र में बार मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों की पहुंच से बाहर है. लोगों का कहना है कि घर में बैठकर शराब पीने से घरेलू हिंसा भी बढ़ेगी. सोशल मीडिया पर नई शराब नीति की हानि और लाभ गिनाए जा रहे हैं. दुकान पर मदिरा खरीदने आए राधेश्याम टेलर ने बताया कि शराब के आदी आगे भी सेवन करते रहेंगे. अहाते बंद होने की वजह से अब शहरी और देहाती क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर शराबखोरी बढ़ जाएगी.


शराब को हतोत्साहित करने की दिशा में शुरुआत


एक अन्य मदिरा प्रेमी प्रदीप सिंह ने कहा कि अहाते बंद होने पर लोग घरों में बैठकर सेवन करेंगे और घरेलू हिंसा के मामले बढ़ जाएंगे. समाजसेवी शैलेंद्र व्यास के मुताबिक सरकार की नई नीति शराब को हतोत्साहित करने की दिशा में शुरुआत की है. अभी शराब के अहाते बंद किए जा रहे हैं. धीरे-धीरे शराब की दुकान कम करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. उन्होंने शिवराज कैबिनेट के फैसले की सराहना की.


उनका कहना है कि धीरे-धीरे लगाए जाने वाले प्रतिबंध हमेशा सफल होते हैं. अच्छी शुरुआत के बाद आगे और कदम बढ़ाए जाने की अपेक्षा है. 


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