MP New Excise Policy: उज्जैन में महिला कांग्रेस का हल्लाबोल, शराब की दुकान के बाहर दूध बांटकर किया प्रदर्शन
MP New Excise Policy: मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति (MP New Excise Policy) के खिलाफ विरोध तेज हो गया है. धार्मिक नगरी उज्जैन में शराब की दुकान के बाहर महिलाओं ने दूध बांट कर प्रदर्शन किया.
MP New Excise Policy: मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति (MP New Excise Policy) के खिलाफ विरोध तेज हो गया है. धार्मिक नगरी उज्जैन में शराब की दुकान के बाहर महिलाओं ने दूध बांट कर प्रदर्शन किया. इस दौरान शिवराज सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. महिला कांग्रेस (Mahila Congress) के बैनर तले आयोजित प्रदर्शन में सरकार की आबकारी नीति पर सवाल खड़े किए गए. आज उज्जैन में महिलाओं ने शराब की दुकान के बाहर विरोध (Protest) जताया. इस दौरान शराब की दुकान की तालाबंदी की कोशिश भी की गई. हालांकि पुलिस के कड़े इंतजाम होने की वजह से महिलाएं शराब की दुकान पर ताला नहीं लगा पाईं, लेकिन उन्होंने दुकान के बाहर दूध बांटकर मंशा जाहिर की.
महिला कांग्रेस का शराब नीति के खिलाफ प्रदर्शन
महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष नूरी खान (State Vice President Noori Khan) ने बताया कि सरकार के आबकारी नियमों में बदलाव से शराबखोरी को बढ़ावा मिलेगा. सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी पर जोर दे रही हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शराब नीति को सरल बनाते हुए घर घर में बार खोलने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के चलते कई नियमों में बदलाव भी किया जा रहा है. शराब के भंडारण को लेकर भी अधिक छूट दी जा रही है. प्रदर्शन कर रही विनीता गौसर ने कहा कि शराब के कारण घर घर में झगड़े होते हैं. इसके अलावा महंगाई की मार के बीच शराब की वजह से कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं. बजाए लगाम कसने के सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है. प्रदर्शनकारी महिला निधि चौहान ने बताया कि धार्मिक नगरी उज्जैन में सरकार को शराबबंदी करना चाहिए. इससे पहले महिदपुर तहसील में शराबबंदी हो चुकी है. पूर्व विधायक स्वर्गीय कल्पना परुलेकर ने शराबबंदी करवाई थी. इसके बाद अपराध का ग्राफ भी घटा था.
कमलनाथ ने शराबबंदी पर नहीं की थी कोशिश
मध्य प्रदेश में हर साल शराब के ठेकों की नीलामी में 10 फीसद तक बढ़ोतरी होती है. इस प्रकार हर 7 साल में सरकार शराब के दामों में 2 गुना तक की बढ़ोतरी कर देती है. इससे सरकार को राजस्व का मोटा हिस्सा प्राप्त होता है. यही वजह है कि शराब पर कई बार बड़े प्रदर्शन होने के बावजूद इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है. वर्तमान में भले ही कांग्रेस शराबबंदी के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है लेकिन जब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी उस समय भी शराबबंदी पर कोई कोशिश नहीं की गई. इसके अलावा महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोले जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका तत्कालीन विपक्ष बीजेपी ने प्रदेश भर में विरोध किया. अब बीजेपी सत्ता में है और कांग्रेस विरोध कर रही है.
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