MP New Lokayukta Oath take Ceremony: मध्य प्रदेश के नए लोकायुक्त के रूप में रिटायर्ड जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह ने (रविवार 10 मार्च) को भोपाल में राजभवन में एक सादे समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ले ली. राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इसी बीच जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की लोकायुक्त पद पर नियुक्ति को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाए है. कांग्रेस ने इस नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है.


मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह ने जस्टिस नरेश कुमार गुप्ता का स्थान लिया है. जस्टिस गुप्ता का कार्यकाल 17 अक्टूबर 2023 को खत्म हो गया था. उनकी नियुक्ति के लिए बनाई गई प्रक्रिया को गैर संवैधानिक बताते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार में गंभीर पट्टी जताई है.


सिंघार में सोशल मीडिया X पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि, "लोकायुक्त एक महत्वपूर्ण पद है. इस की नियुक्ति में असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है. तत्काल लोकायुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए एवं नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए.सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम असंवैधानिक है. मेरा मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से अनुरोध है कि इस नियुक्ति को तत्काल रोका जाए."






नेता प्रतिपक्ष से कोई परामर्श नहीं लिया गया
इसके पूर्व उमंग सिंगार ने पत्रकारों के नाम संबोधित एक पत्र में कहा कि मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रूप से जनहित का कार्य है. सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना दिनांक 09.03.2024 को जारी कर दी गई है, जिसमें मुझ नेता प्रतिपक्ष से कोई परामर्श नहीं लिया गया है. सरकार द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति हेतु अपनाई गई उक्त प्रक्रिया विधि संगत न होकर अवैध है.


अधिसूचना को निरस्त करने का अपील  
उन्होंने कहा कि लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के संबंध में आवश्यक शर्त मध्य प्रदेश लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1981 की धारा 3 (1) के परन्तुक (क) में परिभाषित है, जिसके अनुसार महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा लोकायुक्त पद पर नियुक्ति माननीय चीफ जज, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सहित नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेने के उपरांत ही की जाना चाहिए.


इसलिए मेरे द्वारा सरकार को पत्र लिखकर यह अपील की गई है कि सरकार द्वारा विधि की प्रक्रिया का पालन किये बिना लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में अवैध रूप से जारी अधिसूचना दिनांक 09.03.2024 तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए.


'मेरी मौन स्वीकृति जनहित में नहीं होगी'
उमंग सिंगार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार द्वारा किये गए उपरोक्त अवैध कार्य पर मेरी मौन स्वीकृति जनतंत्र एवं जनहित में नहीं होगी. नेता प्रतिपक्ष के रूप में मध्य प्रदेश की जनता के प्रति मेरे जो भी दायित्व हैं, उनके प्रति मैं संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हूं और जनता के प्रति अपने उन सभी कर्तव्यों का मैं पूर्ण निष्ठा से पालन करूंगा.


सरकार से मैंने यह भी अनुरोध किया है कि लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया पुनः विधि अनुसार संपादित कर मेरे परामर्श उपरांत पूर्ण की जाए, जिससे मध्य प्रदेश को एक विद्वान, विधि विशेषज्ञ, ईमानदार एवं निष्पक्ष लोकायुक्त प्राप्त हो सके.


'जज साहब की प्रतिष्ठा पे जो आघात पहुंचेगा'
लोकायुक्त की नियुक्ति पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के विरोध का राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी समर्थन किया है. तंखा ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि,"राज्य शासन की बहुत असंवैधानिक कार्यवाही. बिना विपक्ष के लीडर से वैधानिक परामर्श कोई भी नियुक्ति नोटिफाई कैसे की.


मुख्यमंत्री के सचिवालय से इतनी बड़ी भूल कैसे हुई? आप के इस बचकानी हरकत से माननीय मप्र के मुख्य न्यायाधिपति जी माननीय हाई कोर्ट के जज साहब की प्रतिष्ठा पे जो आघात पहुंचेगा इसके लिए कौन ज़िम्मेवार होगा. ऐसी जल्दी क्या थी ? प्रक्रिया पालन करे बिना नोटिफिकेशन करना बहुत ही अनुचित प्रतीत होता है. प्रदेश सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा यह इशू सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जाने की पूर्ण संभावना है."


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