Mahakal: नए साल पर श्रद्धालु भगवान महाकाल की भस्म आरती में आसानी से कर सकेंगे प्रवेश, जानिए पूरी प्रक्रिया
New Year 2024: महाकालेश्वर मंदिर में जिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलती है, उन्हें बता दें कि भस्म आरती में प्रवेश की दो प्रक्रिया है. पढ़ें पूरी प्रक्रिया.
Ujjain Mahakal Mandir Bhasma Aarti: यदि आप भगवान महाकाल के दरबार में नए साल पर भस्म आरती में दर्शन लाभ लेना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में नए साल पर भी श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और निशुल्क भस्म आरती में प्रवेश की पूरी प्रक्रिया सामने आ गई है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भी मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को नए साल पर सुविधाजनक दर्शन के लिए निर्देश जारी किए हैं.
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में भगवान महाकाल के दरबार की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है. शिव भक्त भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के साथ-साथ उनकी भस्म आरती में शामिल होने के लिए हमेशा लालायित रहते हैं. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि नए साल पर भी आम श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने बताया कि भस्म आरती में प्रवेश की दो प्रक्रिया है. एक प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न होती है. जबकि दूसरी प्रक्रिया ऑफलाइन है, जिसमें श्रद्धालु भस्म आरती में अनुमति लेकर नियमानुसार हिस्सा ले सकते हैं.
मंदिर में कैसे मिलेगी एंट्री?
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक, महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन 400 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्रवेश के लिए अनुमति दी जाती है. यह ऑनलाइन अनुमति महाकालेश्वर मंदिर की अधिकृत वेबसाइट पर एक महीने पहले खोली जाती है. वर्तमान में एक महीने बाद तक की ऑनलाइन बुकिंग हो चुकी है, लेकिन ऑफलाइन बुकिंग के जरिए भी भस्म आरती में प्रवेश के लिए अनुमति ली जा सकती है. इसके लिए श्रद्धालुओं को सुबह 7:00 बजे के पहले महाकालेश्वर मंदिर के काउंटर पर पहुंचना होता है. जहां पर एक व्यक्ति को पांच लोगों की अनुमति मिल सकती है. इस प्रकार से 300 श्रद्धालुओं को ऑफलाइन अनुमति दी जाती है. नए साल पर भी भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालु 31 दिसंबर को सुबह 7:00 बजे से पहले काउंटर पर पहुंचकर अनुमति प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि यह अनुमति पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दी जाती है.
मंदिर में आरती का समय
महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन पांच आरती होती है. इनमें सबसे पहली आरती सुबह भस्म आरती शिव भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहती है. इसके बाद प्रातः कालीन आरती की जाती है. फिर सुबह 10:30 बजे भोग आरती होती है. शाम को 6:30 बजे संध्याकालीन आरती की जाती है. इसके बाद रात्रि में शयन आरती के साथ मंदिर के पट बंद हो जाते हैं.
भक्त भस्म आरती में हो सकते शामिल
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर में होने वाली भस्म आरती में चलित दर्शन व्यवस्था भी की गई है. जिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती में बैठने की अनुमति नहीं मिलती है. वह चलित भस्म आरती के माध्यम से भी प्रवेश कर सकते हैं. सुबह 4:00 बजे से चलित भस्म आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया जाता है. इसके लिए अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. श्रद्धालु भस्म आरती में भगवान महाकाल के दर्शन करते हुए बाहर निकालते रहते हैं. रविवार को 20000 श्रद्धालुओं ने चलित भस्म आरती के जरिए भगवान महाकाल के दर्शन किए. उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में केवल 2000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है. इसी के चलते चलित भस्म आरती के इंतजाम किए गए है.
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