Electricity related 2996 cases settled in Lok Adalat: जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी, स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के तत्वाधान में इंदौर जिला मुख्यालय में नेशनल लोक सेवा अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें कई तरह के प्रकरणों को लेकर पक्ष व विपक्ष के लोग पहुंचे. इस दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध जैन ने बताया कि इस बार की नेशनल लोक अदालत में 44 जिला व तहसील स्तर पर कुल मिलाकर एक साथ 15  खंडपीठ का गठन किया गया था, जिनमें सभी तरह के सिविल, एक्सीडेंटल, रिकवरी, इलेक्ट्रिसिटी बिल, मेंटेनेंस के प्रकरणों का निपटान किया गया.


बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को दी 1 करोड़ की छूट


दरअसल मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर-उज्जैन क्षेत्र के सभी 15 सर्कलों में कुल 44 स्थानों पर लोक अदालत आयोजित कि गई थी. इसमें 4.61 करोड़ की राशि के बकाया होने पर 2996 उपभोक्ताओं, उपयोगकर्ताओं के प्रकरणों का निराकरण किया गया. लोक अदालत में बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं व उपयोगकर्ताओं को एक करोड़ 4 लाख रुपए की नियमानुसार छूट दी. विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 तथा धारा 135 के तहत बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता किया गया.


उज्जैन क्षेत्र में भी निपटाए गए हजारों मामले


इंदौर क्षेत्र के साथ ही उज्जैन क्षेत्र में हजारों मामलों का न्यायालयों में समझौते से निपटारा किया गया. प्री-लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 हार्स पॉवर तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी गई. प्री-लिटिगेशन स्तर पर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी गई थी.  लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट प्रदान की गई. समझौते वाले आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व आदि का एकमुश्त भुगतान किया जाना था.


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