MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पिपलानी इलाके में मंगलवार सुबह अचानक 6 नाबालिग बच्चे लापता हो गए. खबर के फैलते ही पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया. शुरू में परिजनों ने सोचा कि आसपास के इलाके में शायद घूमने निकले हैं और जल्द घर लौट आएंगे क्योंकि सभी एक साथ घूमते थे. लेकिन जब देर रात तक घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने घटना की रिपोर्ट करने के लिए पिपलानी पुलिस स्टेशन जाने का फैसला किया.
गुमशुदगी के मामले को अपहरण में बदला गया
परिजनों की सूचना पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया. बाद में अपहरण का मामला बना लिया गया. पुलिस ने इसी एंगल से जांच शुरू की और निकटवर्ती थानों में बच्चों की फोटो छानबीन करने के लिए भेज दी. बच्चों का सुराग खोजने के लिए पुलिस ने सबसे पहले आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालना शुरू किया. इसी दौरान एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को लापता बच्चों को सुल्तानिया अस्पताल के पास एक बगीचे में सोते हुए पाया, जिसके बाद उन्हें बरामद किया गया.
महाकाल मंदिर में पूजा के लिए भागे थे नाबालिग
पिपलानी एसएचओ अजय नायर ने कहा कि बच्चों की काउंसिलिंग से पता चला कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना करने का इरादा था. मंगलवार को बिना किसी को बताए घर से निकल गए और ट्रेन से उज्जैन पहुंचे. उज्जैन में पूजा करने के बाद दूसरी ट्रेन में सवार हुए और बुधवार को भोपाल लौट आए. अधिकारी ने बताया कि नाबालिग बिना ट्रेन टिकट और स्थानीय लोगों के सहयोग से मंदिर पहुंचे थे. जांच अधिकारी एसआई कुलदीप खरे के मुताबिक काउंसिलिंग के बाद पिपलानी मोहल्ले के रहने वाले नाबालिग बच्चों को परिजनों के हवाले कर दिया गया है. बच्चों की उम्र 6, 8, 9, 10, 13 और 15 साल की है.
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