Precaution Dose in Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का प्रशासन कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए वैक्सीनेशन (Vaccination) को प्राथमिकता दे रहा है. वहीं जिला प्रशासन वैक्सीन न लेने वाले सरकारी और निजी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहा है. इसी के तहत प्रशासन ने 6 हजार सरकारी और निजी कर्मचारियो के वेतन को प्रिकॉशन डोज न लेने की वजह से रोक दिया है.  


बता दें कि एक हफ्ते पहले कलेक्टर मनीष सिंह ने चेतावनी दी थी कि तीसरी खुराक लेने में लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन स्टाफ का वेतन रोक दिया जाएगा. सोमवार को प्रशासन ने ऐसा कर भी दिया.


वेटिंग पीरियड वाले कर्मचारियों को तय समय पर मिलेगी सैलरी


कलेक्टर ने कहा, "मेरे अनुरोध पर, इंदौर के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने अपने विभाग को निर्देश दिया है कि वे केवल उन्हीं लोगों का वेतन जारी करें, जो अपना एहतियाती खुराक प्रमाण पत्र दिखाया हैं." कलेक्टर ने आगे कहा कि  जो कर्मचारी अपनी तीसरी खुराक के लिए वेटिंग पीरियड में हैं और जिन्हें फ्रंटलाइनल वर्कर्स के तौर पर कैटेगराइज्ड नहीं किया गया है उन्हें तय समय पर वेतन मिलेगा.


इन विभागों के कर्मचारियों को नहीं मिला जनवरी का वेतन


बता दें कि महीने के आखिरी दिन कम से कम 1,678 पुलिसकर्मियों को जनवरी का वेतन नहीं मिला.  वहीं इंदौर नगर निगम के 1,486 कर्मचारी, अन्य बलों के 1,289 कर्मचारी और 742 स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जिन्हें वेतन नहीं मिला है.  अन्य में 354 राजस्व कर्मचारी, एमपी बिजली बोर्ड के 212, 178 पंचायत अधिकारी, 46 कोर्ट कर्मचारी और यहां तक ​​कि 731 निजी कर्मचारी भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं.


प्रिकॉशन डोज लिए जाने का सर्टिफिकेट दिखाने पर ही मिलेगी सैलरी


बता दें कि कलेक्टर ने आदेश दिया है कि जिन कर्मचारियों का जनवरी का वेतन रोका गया है उनकी सैलरी तभी दी जाएगी जब वे प्रिकॉशन डोज लिए जाने का सर्टिफिकेट जमा कराएंगे.


बता दें कि कोविड टीकाकरण अभियान शुरू होने के साथ ही इंदौर प्रशासन ने कई विभागों के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन  कर्मचारियों के रूप में कैटेगराइज्ड किया था और इन्हें पहले चरण में (स्वास्थ्य कर्मियों के साथ) टीका लगाया गया था.  कलेक्टर ने सोमवार को कहा कि जिन विभागों को सूचीबद्ध किया गया है  उनमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा जिला पंचायत, नगर निगम, पुलिस, बीएसएफ जैसे सुरक्षा बल, सहकारी समितियां, कृषि और बागवानी शामिल हैं.


18831 पात्र कर्मचारियों को मिल चुकी है एहतियाती खुराक


कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इन कर्मचारियों को उनकी देय तीसरी खुराक मिलने के बाद ही उनका वेतन जारी करने के निर्देश कोषागार को पहले जारी किए गए थे. वहीं आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इंदौर कोषागार 45 विभागों के लगभग 27,000 सरकारी कर्मचारियों का वेतन जारी करता है. शनिवार को, ट्रेजरी अधिकारियों ने उन कर्मचारियों पर डेटा कलेक्ट किया था जो अपने एहतियाती खुराक कार्यक्रम से चूक गए थे. सोमवार को एक समीक्षा बैठक में, स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 18,831 पात्र कर्मचारियों को एहतियाती खुराक मिल गई है, और 10,455 कर्मचारियों को अभी मिलनी बाकी है.


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