Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर जिले में हैंडपंप का दूषित पानी पीने से 60 से अधिक लोग बीमार पड़ गए. उन्हें उल्टी-दस्त की शिकायत होने के बाद हड़कंप मच गया. मरीजों को अस्पताल ले जाया गया. इस घटना के बाद प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा. इसके साथ ही उस हैंडपंप को बंद करा दिया गया है. सागर जिले के बंडा ब्लॉक के पिड़रुआ गांव में हैंडपंप का दूषित पानी पीने का मामला सामने आया. स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया है. ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि बारिश में पानी किस तरह से पिएं.
25 की हालत गंभीर
सागर जिले के बंडा के पिड़रुआ में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक के बाद एक 60 लोग बीमार हो गए. उन्हें उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी. स्थिति गंभीर देख सभी को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां 25 की हालत गंभीर बनी हुई है. इन 25 मरीजों को छोड़कर बाकी लोग सामान्य हालत में हैं. सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग का अमला हरकत में आया और अब घर-घर सर्वे कर दवाएं बांट रहा है. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बारिश में लोगों को पानी पीने में सावधानी बरतने की अपील की है. जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में शिविर भी लगाए हैं.
हैंडपंप के पास बरसात का पानी
पिड़रुआ गांव में हैंडपंप ऐसी जगह लगे हैं, जहां आसपास बरसात का पानी जमा होता है. हैंडपंप के आसपास पानी जमा होने के बाद इसका पानी उपयोग करने की वजह से ही उल्टी-दस्त हो रहे हैं. पहले दिन तो उल्टी-दस्त कम हो रहे थे, लेकिन रविवार को परेशानी बढ़ गई तो स्वास्थ्य विभाग को इसकी खबर दी गई. कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर जनस्वास्थ्य विभाग (पीएचई) विभाग के अधिकारी तत्काल मौके पर रवाना किए गए. दूषित पानी दे रहे हैंडपंपों को तत्काल प्रभाव से बंद कराया गया और आसपास क्लोरीन का छिड़काव कराया जा रहा है.
कलेक्टर ने क्या निर्देश दिए
कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि संबंधित गांव के अतिरिक्त अन्य गांवों में भी इस प्रकार की समस्या से निजात पाने के लिए तत्काल प्रभाव से क्लोरीन और पानी को साफ करने के लिए दवाओं का छिड़काव किया जाए, गांवों में स्थापित कुएं में भी क्लोरीन पाउडर डाला जाए.
सीएमओ ने क्या बताया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डीके गोस्वामी ने बताया कि जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सुबह गांव में पहुंचकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया. जांच के बाद दवाइयां दी जा रही है. पानी में डालने के लिए गोलियां भी दी जा रही हैं. जानकारी के मुताबिक गांव के बाबू यादव, आसाराम यादव, मूरत यादव, लक्ष्मण यादव, दीनदयाल पटेल, रामकली चौबे आदि को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया.
जांच के लिए लगा कैंप
पिड़रुआ गांव में उल्टी-दस्त का प्रकोप होने के बाद बंडा बीएमओ डॉक्टर अमित आनंद असाटी सहित डा. आरएस चौधरी, राहुल जैन, किरण धुर्वे, सोनाली विश्वकर्मा आशा कार्यकर्ता भारती जैन, विमलेश पटेल, मेवा लोधी गांव में ही उपचार कर रही हैं. गांव में जांच कैंप लगाया जा रहा है, जहां लोगों को उपचार के साथ उल्टी-दस्त से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं.
बीएमओ ने क्या बताया
बीएमओ डा. असाटी के मुताबिक उल्टी-दस्त की वजह दूषित पानी है. उन्होंने बताया कि पंचायत के दो वार्डों में मरीज सामने आए हैं. बरसात के बाद वहां के हैंडपंप से पानी दूषित आ रहा है. गांववालों को क्लोरीन की गोलियां दी गईं हैं. साथ ही उपचार के लिए बंडा भेजा गया है. कुछ को जिला अस्पताल भी रेफर किया गया था. वहां उनका इलाज चल रहा है.