Madhya Pradesh News: फेक न्यूज रोकने के लिए आईआईएम इंदौर और एबीपी न्यूज़ की बड़ी पहल, जानें पूरी डिटेल्स
MP news: फेक न्यूज इन दिनों समाज के लिए मुसीबत बन गई है जिसकी वजह से हत्याओं और माॅब लिंचिंग तक हो रही है. इससे प्रभावी तरीके से रोकने के लिए एबीपी न्यूज नेटवर्क और आईआईएम इंदौर ने बड़ी पहल की है.
Indore News: फेक न्यूज इन दिनों समाज के लिए मुसीबत बन गई है. जिसकी वजह से हत्याओं और मॉब लिंचिंग तक हो रही है. इससे प्रभावी तरीके से रोकने के लिए एक अभियान के तौर पर एबीपी न्यूज नेटवर्क और आईआईएम इंदौर ने बड़ी पहल की है. समाज में फैलाई जा रही फेक न्यूज पर लगाम कसने जा रही है.
एबीपी नेटवर्क ने आईआईएम इंदौर के साथ मिलकर फेक न्यूज को रोकने के लिए फैक्ट चेक कर तंत्र विकसित करने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है. इस बैठक में आईआईएम के डायरेक्टर प्रोफेसर हिमांशु राय, एबीपी न्यूज के संपादक संत प्रसाद राय प्रमुख तौर पर मौजूद रहे. बैठक में फेक न्यूज को रोकने के लिए बनाए जा रहे टूल्स पर सारगर्भित चर्चा हुई. वही आगामी दिनों में इस परियोजना पर भी बात की गई.
वैज्ञानिक तरीके से होगा काम-हिमांशु राय
बैठक के दौरान आईआईएम के डायरेक्टर हिमांशु राय ने कहा कि जो शोध वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा. जिस पर हम काम कर रहे हैं और इसी के लिए हमने एबीपी न्यूज के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है. हिमांशु राय ने कहा कि फेक न्यूज समाज के लिए मुसीबत बन गयी है, हत्याएं और मॉब लिंचिंग हो रही है, इसे रोकना जरूरी है, स्टडी के सुझावों को सरकार को भी सौंपा जायेगा और सिफारिश की जायेगी कि इसे स्कूल शिक्षा में भी इसे शामिल किया जाये. हिमांशु राय ने बताया कि फेक न्यूज को चेक करने के लिए कुछ टूल्स आईआईएम के विशेषज्ञों की टीम ने विकसित किए हैं जिन पर काम किया जा रहा है. बैठक में आगे की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई.
समाज के लिए खतरनाक है हर चीज़ पर संदेह- संत प्रसाद राय
बैठक में एबीपी न्यूज के संपादक संत प्रसाद राय ने कहा कि हर चीज पर संदेह करना भी ठीक नहीं है. अगर हम हर चीज पर संदेह करने लगे तो समाज सही दिशा में नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें हर चीज पर शक होने लगा है जो हमारे और हमारे समाज के लिए बड़ा खतरनाक है. बैठक में ये बात भी सामने आई कि आज हमारे पास आज ऐसा कोई भरोसेमंद टूल नहीं है जिससे हम यह पता लगा सके कि आने वाली खबर फेक है या रियल.
क्योंकि मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के पास जितनी न्यूज आती है और जो व्हाट्सएप फॉरवर्ड एड है उनके नेचर में फर्क है. पिछले साल एबीपी नेटवर्क ने आय एम इंदौर के साथ फेक न्यूज पर प्रभावित तुरंत विकसित करने के लिए एमओयू साइन किया था.
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