MP News: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर कोरोना की हॉट स्पॉट रह चुकी है और उस दौर में शहर को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. वहीं अब वैक्सीन की दूसरी डोज के लक्ष्य को पूरा करने इंदौर में पूरा सिस्टम एकजुट हो गया है. इसी के चलते गुरुवार को इंदौर में जिला प्रशासन और नगर निगम ने वैक्सीनेशन महाअभियान के दूसरे चरण को सफल बनाने के लिए एक कारगर योजना तैयार की है.


माइक्रो लेवल पर हुई प्लानिंग
इस योजना के तहत गुरुवार को कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट कलेक्टर मनीष सिंह और निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने स्वसहायता समूह और रहवासी संघों के साथ बैठक ली. बैठक में वैक्सीन की दूसरी डोज को लेकर अहम फैसले लिए गए. इसमें तय किया गया कि व्यवसायिक संवाद के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य रहेगा. वहीं दूध विक्रेता भी सुनिश्चित करेंगे कि उन्हीं घरों में दूध वितरण किया जाए जहां सभी लोग वैक्सीनेटेड हों. माइक्रो लेवल की प्लानिंग के जरिए जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगाया है उन लोगों को चिन्हित कर उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर तक लाया जाएगा. 


'सभी के प्रयास से जल्द पूरा करेंगे टार्गेट'           
बैठक में मंत्री तुलसी सिलावट ने भरोसा जताया कि सभी की मेहनत और जागरूकता के दम पर इंदौर वैक्सीन के दूसरे डोज में भी शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लेगा. वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने भी कहा कि सामूहिक प्रयासों से बचे हुए लोगों को भी वैक्सीनेटेड किया जाएगा.


एक दिन में 70 हजार लोगों के लगी वैक्सीन
बता दे कि इंदौर में सिस्टम के चौतरफा प्रयासों के चलते बुधवार को 70 हजार से अधिक लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई है और ऐसा ही हाल गुरुवार को भी रहा. फिलहाल, इंदौर में सिस्टम के प्रयासों का सीधा मतलब है कि जिन घरों पर वैक्सीनेशन पूरा नहीं होगा वहां न दूध मिलेगा और ना ही राशन.


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