इंदौर: देश भर में युवा सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध की इस आग ने युवाओं को सैनिक कि जगह उपद्रवी बना दिया है. इसके बाद उपद्रवी युवाओं ने हिंसा का मार्ग अपना कर देश के कई राज्यों में आगजनी ओर तोड़फोड़ कि घटनाओ को अंजाम दिया है. इन घटनाओ को अंजाम देने वाले युवा प्रदर्शनकारियो के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया है.

 


AIDYO युवा संगठन ने कलेक्टर को सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के चलते ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO) युवा संगठन ने कलेक्टर कर्यालय पहुंच कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. संगठन के प्रमोद नामदेव ने बताया कि प्रदर्शन करने वाले युवाओ के खिलाफ जो मामले दर्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है उस पर रोक लगाई जाए. सरकार कि अग्निपथ योजना बेरोजगारों के साथ छलावा है. पिछले 5 साल से युवा अभ्यर्थी सेना कि तैयारी कर रहा था और सरकार ये कांट्रैक्ट बेस योजना लेकर आई है. इसमें सरकार 4 साल के लिए नौकरी दे रही है. 4 साल के बाद युवा क्या करेगा. उनका कहना है 11 लाख रुपये देंगे. सवाल 11 लाख रुपये का नहीं है, सवाल परमानेंट नौकरी का है. जिसमे पेंशन मिलती है. भविष्य कि सुरक्षा होती है. दूसरे विभागों कि तरह ये सेना में भी कॉन्ट्रेक्ट सिस्टम ला रहे हैं. इसका युवा विरोध कर रहे हैं जो कि हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. लेकिन पुलिस जिस तरह दखल दे रही है, प्रकरण दर्ज कर रही है इसे रोका जाना चाहिए.

 

अपर कलेक्टर ने क्या कहा? 

वहीं अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि कलेक्टर ने सभी फिजिकल कोचिंग संस्थाओ के संचालकों को निर्देशित किया है कि कोई भी इस तरह कि घटनाओं में शामिल न हो और न ही कानून को अपने हाथो में ले. उसके बाद संचालकों ने भरोसा दिलाया कि उनका कोई भी विद्यार्थी इस तरह के किसी भी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बनेगा. गांधीवादी तरीके से अपनी बात को रखने के लिए उन्हें कहा गया था. इसके बाद युवा छात्र-छात्राओं द्वारा ज्ञापन दिया गया है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक पुलिस बल लगाया गया है. साथ ही सोशल मीडिया पर पुलिस अपनी नजर बनाए हुए है.

 

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