Chhindwara News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से आई तस्वीरों ने प्रदेश की वर्तमान शिवराज सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मॉडल को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है. जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामीया ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है. जिले में आज भी ऐसे गांव हैं जहां सड़क कच्ची होने के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. कुछ ऐसा ही वाकिया आदिवासी अंचल तामिया के ग्राम पंचायत चोपना के झिरपानी में देखने को मिला, जहां कच्ची सड़क होने के कारण जननी एक्सप्रेस गांव तक नहीं पहुंची. ऐसे में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला को लोगों ने कंधों के सहारे डोली में टांग कर अस्पताल तक पहुंचाया.


यह मामला ग्राम झिरपानी में रहने वाली यशोदा उईके के साथ घटित हुआ. यशोदा 9 माह से गर्भवती थी, अचानक उनका लेबर पेन बढ़ गया. ऐसे में उनके परिजनों ने जननी एक्सप्रेस को कॉल किया, लेकिन गांव में कच्ची सड़क होने के कारण जननी एक्सप्रेस गांव तक नहीं पहुंच पाई जिसके चलते ग्रामीणों ने डोली के सहारे गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया तब कहीं जाकर वह अस्पताल पहुंच पाई.


लंबे समय से ग्रामीण कर रहे हैं सड़क की मांग


झिरपानी के रहवासियों ने बताया कि वह लंबे समय से पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक पक्की सड़क अब तक नहीं बनाई गई है. यदि कोई बीमार पड़ जाए, तो उसे दो से पांच किमी डोली में बैठाकर पक्की सड़क तक ले जाना पड़ता है. इस समस्या को लेकर ग्रामीण वर्षों से शासन-प्रशासन के सामने गुहार लगा रहे हैं, लेकिन समस्या से निजात आज तक नहीं मिल पाई है. ग्रामीणों की माने तो इस स्थिति का सामना वर्षों से करना पड़ रहा है. किन्तु शासन प्रशासन द्वारा अब तक कोई निराकरण नहीं किया गया है.


वहीं ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ग्राम लोटिया और कुर्सीढाना के बीच आवागमन का रास्ता नहीं होने व जर्जर और कच्चा रास्ता होने से ग्रामीणजनों के साथ-साथ स्कूली छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और जंगल व पहाड़ी क्षेत्र होने से आए दिन दुर्घटना होती रहती है.


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इस पंचायत में रहते हैं 400 परिवार


चौपना पंचायत के ग्राम कुर्सीढाना, झिरपानी और बीजाढाना में करीब चार सौ परिवार निवासरत है. चार सौ की आबादी वाले इस ग्राम में आज तक पक्की सड़क नहीं पहुंच पाई है. आरईएस विभाग द्वारा ग्रेवल रोड निर्मित किया गया लेकिन बारिश आते ही यह सड़क पानी में बह गई, तो वहीं बीच मार्ग में बहने वाली हरक नदी में पुल निर्माण नहीं होने से लोगों को उफनती नदी में रस्सी और बल्लियों के सहारे बने पुल से जान जोखिम में डाल कर सफर तय करना पड़ता है.


झिरपानी के ग्रामीण 10 साल से दे रहे हैं ज्ञापन


झिरपानी निवासी सालिग्राम परतेती ने बताया कि ग्रामीणों को बारिश के दिनों में कच्ची सड़क में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. झिरपानी और लोटिया गांव को जोड़ने वाली लगभग 5 किलोमीटर की सड़क अधूरी पड़ी हुई है. कई बार सक्षम अधिकारियों को इस बात की शिकायत की लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है. उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से मांग करते है कि यहां जल्दी से जल्दी सड़क निर्माण कार्य करवाया जाए ताकि ग्रामीणों की समस्या से निजात मिल जाए.


ग्रामीणों का कहना है कि झिरपानी के लोगों को लोटिया में हर हफ्ते बाजार के लिए जाना पड़ता है. बच्चे प्रतिदिन लोटिया के स्कूल जाते हैं, ऐसे में बारिश के दिनों में झिरपानी के लोगों को लोटिया पहुंचना मुश्किल होता है. पिछले 8 से 10 सालों से ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.


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