Madhya Pradesh News: इंदौर में कांग्रेस पार्टी में शहर अध्यक्ष को लेकर अभी भी रस्साकशी चालू है. रविवार की रात को बनाए गए इंदौर शहर अध्यक्ष अरविंद बागड़ी को सोमवार को पद संभालने के डेढ़ घंटे के भीतर ही प्रदेश प्रभारी ने पत्र जारी कर होल्ड कर दिया. वही अब पूर्व अध्यक्ष आगामी आदेश तक यथावत रहेंगे.


दरअसल, नए साल में नई सरकार का नारा देने वाली मध्य प्रदेश कांग्रेस ने चुनावी साल की शुरुआत में ही अपनी नई टीम की घोषणा रविवार को कर दी. इसमें इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर अरविंद बागड़ी को काबिज गया था. अरविंद बागड़ी ने सोमवार शाम इंदौर कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन पहुंचकर शहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच शहर अध्यक्ष का पद ग्रहण ही किया था कि करीब डेढ़ घंटे के बाद ही प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने पत्र जारी कर इंदौर शहर के नए अध्यक्ष को होल्ड कर दिया. इसके साथ ही आगामी आदेश तक पूर्व अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को ही यथावत रहने का आदेश दिया गया है. 


आदेश जारी होने के बाद विनय बाकलीवाल भी कांग्रेस कार्यालय अपना सामान दोबारा लेकर पहुंचे और प्रदेश प्रभारी का पत्र दिखाते हुए दोबारा शहर अध्यक्ष का अपना पद संभाला. इंदौर में शहर अध्यक्ष अरविंद बागड़ी कों बनाए जाने के बाद से ही विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए थे. कांग्रेस कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया गया था. वहीं बागड़ी के समर्थकों द्वारा पूर्व अध्यक्ष विनय बाकलीवाल पर आरोप लगाया गया कि यह उनके ही समर्थकों द्वारा किया गया है. वहीं होल्ड कए गए नए शहर अध्यक्ष अरविंद बागड़ी का कहना है कि उन्होंने पद ग्रहण कर लिया है, उन्हें होल्ड के नियुक्ति पत्र की जानकारी नहीं है. वहीं पूर्व शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल का कहना है कि प्रदेश प्रभारी ने नए नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी है, इसलिए उन्होंने दोबारा पद संभाल लिया है.


पहले भी आदेश लिए गए वापस
गौरतलब यह है कि कांग्रेस पार्टी में यह पहली बार नहीं है कि कोई आदेश आने के बाद उसे दोबारा वापस नहीं लिया गया है. साल 2018 में विधानसभा एक के लिए गोलू अग्निहोत्री को टिकट दिया. वहीं इसके बाद गोलू अग्निहोत्री के खिलाफ विरोध देखते हुए टिकट संजय शुक्ला को दिया गया था. इसे लेकर उस समय काफी हंगामा हुआ था. वहीं प्रदेश महिला अध्यक्ष के पद पर अर्चना जायसवाल को शहर अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति देकर दूसरे दिन ही उस आदेश को भी निरस्त किया जा चुका है. फिलहाल, अब देखना होगा की किस तरह से कांग्रेस पार्टी शहर अध्यक्ष के पद पर किसे और कब नियुक्त करती है, जिससे उन्हें इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लाभ मिल सके.



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