MP News: इस समय सभी की निगाहें भोपाल स्थित टीटी नगर स्थित मां भद्रकाली बिजासन दरबार परिसर में टिकी हुई है प्रशासन से लेकर भक्तगण  स्वामी पुरुषोत्तम नंद महाराज कि भूसमाधि स्थल पर मौजूद है .तीन दिन के लिए बाबा ने भू समाधि ली है 72 घंटे बाद गहरे गड्ढे से बाहर निकलने का परिजनों ने दावा किया है.पुलिस प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. लेकिन जब उन्हें रोकने के लिए मौके पर पहुंची तो बाबा और उनके समर्थक नहीं माने. पुलिस की मौजूदगी में ही उन्होंने भूमिगत समाधि ले ली. गौरतलब है कि भोपाल स्थित टीटी नगर में शुक्रवार को  मां भद्रकाली विजयासन दरबार परिसर में स्वामी पुरुषोत्तमानन्द महराज ने तीन दिवसीय भूमिगत समाधि साधना शुरू की है. इस दौरान बड़ी संख्या में साधु संत मौजूद है.


समाधि साधना के लिए दरबार परिसर में 5 फीट लंबा और 7 फीट गहरा गड्ढा तैयार किया गया


श्रद्धालुओं की उपस्थिति में ब्राह्मणों ने वेदमन्त्रों के बीच यह साधना शुरू की. समाधि साधना के लिए दरबार परिसर में 5 फीट लंबा और 7 फीट गहरा गड्ढा तैयार किया गया था. इसमें पुरुषोत्तमानन्द ने ध्यानमुद्रा बनाकर आसन लगाया. वहीं भूसमाधि से पहले बाबा ने 10 दिन से अन्न त्याग दिया था और सिर्फ जूस ले रहे थे.बाबा द्वारा समाधि लेने की सूचना मिलते ही दरबार में भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया.भक्तगण बताते हैं कि भू समाधि लेने वाले 60 साल के महाराज पुरुषोत्तम आनंद 1985 में अग्नि स्नान भी कर चुके हैं. उन्होंने भोपाल के सोमवारा चौक पर अग्नि स्नान किया था यानी शरीर पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी.और महाराज इसे भी अपनी सिद्धि का ही एक हिस्सा मानते है. उस दौरान बाबा 80 प्रतिशत तक जल गए थे. लेकिन उनके शरीर पर आज भी एक निशान जलने का नहीं है. वो इसको माता की कृपा बताते हैं. बाबा के परिजन भी बताते है बाबा का मानना था कि नवरात्रि में भूमिगत समाधि लेने में मां दुर्गा उन्हें शक्ति देगी.


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टीटी नगर में रहने वाले पुरुषोत्तम आनंद महाराज के परिजन ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वे 3 दिन तक समाधि में लीन रहेंगे. इसके बाद वे 3 अक्टूबर को बाहर आ जाएंगे. ऐसा करने से उनको ईश्वर की प्राप्ति होगी.हालांकि प्रशासन ने उन्हें गुरुवार को समझाने की बहुत कोशिश की थी. पुलिस अधिकारी ने उन से निवेदन किया था कि वह समाधि ना ले.लेकिन जिला प्रशासन के प्रयास असफल रहे और महाराज ने शुक्रवार  सुबह 10 बजे भूमिगत समाधि ले ली.और प्रशासन साधु संत भक्तों और मीडिया कर्मियों के सामने भू समाधि ले ली आप सभी को 3 अक्टूबर 72 घंटे बाद महाराज पुरुषोत्तमानंद का निकलने का इंतजार है.


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