Bhind News: जलीय जीवों के लिए संरक्षित चंबल नदी से शिकार कर मछली तस्करी का मामला सामने आया है. वन विभाग की टीम ने दो तस्करों को गिरफ्तार एक लाख रुपए कीमत की मछलियां जब्त की है. मछलियां बिक्री के लिए ले जाई जा रही थी. आपको बता दें कि श्योपुर से लेकर भिंड तक 400 किलोमीटर चंबल नदी का क्षेत्र जलीय जीवों के लिए बीते कई दशकों से संरक्षित घोषित किया गया है. चंबल नदी में घड़ियाल, डॉल्फिन, मगरमच्छ, कछुआ जैसे कई जलीय जीवों का प्रजनन होता है. वन विभाग और चंबल सेंचुरी की टीमें जलीय जीवों की तस्करी और चंबल नदी से अवैध रेत खनन पर लगातार नजर बनाए रखती हैं.
2 तस्करों के पास से एक लाख की मछलियां जब्त
वन विभाग अंबाह गेम रेंजर मुन्नीलाल भलावी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि चंबल नदी से बड़ी मछलियों का शिकार कर गाड़ी के माध्यम से ग्वालियर ले जाया जा रहा है. सूचना पाकर वन विभाग की टीम ने नाकाबंदी की. नाकाबंदी के दौरान हाइवे 719 पर मेहगांव मंडी तिराई के पास संदिग्ध लोडिंग गाड़ी दिखाई दी. गाड़ी को रोककर चेक करने पर आइस बॉक्स और बोरों में भरी हुई चंबल नदी से शिकार कर लाई गई बड़ी मछलियां बरामद की गईं. तस्करों के पास से जब्त मछलियों की बाजार कीमत लगभग एक लाख रुपये आंकी गई है.
जलीय जीवों के लिए संरक्षित है चंबल नदी का क्षेत्र
वन विभाग की टीम ने मछलियों को जब्त कर मुरैना लैब जांच के लिए भेज दिया है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को अदालत में पेश करने के लिए वन विभाग की टीम ले गई है. मछली तस्कर हाकिम सिंह जाटव ने बताया कि नदी के आसपास रहने वाले लोग ही शिकार कर मछलियों को बेचते हैं. गांववालों से मछलियां खरीदकर ग्वालियर सप्लाई करने जा रहा था. आरोपी की बात को सही मानें तो स्थानीय ग्रामीण मछलियों का शिकार कर बेच रहे हैं. वन विभाग और चंबल सेंचुरी की टीम आखिर क्या कर रही है. चंबल में मछलियां डॉल्फिन और घड़ियाल की खुराक होती हैं. अगर उनकी खुराक की कमी हो गई तो डॉल्फिन और घड़ियाल का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.