Madhya Pradesh News: भारतवर्ष के जैन समुदाय के धार्मिक आस्था का केंद्र सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने के बाद देशभर का जैन समाज आंदोलित और आक्रोशित है. देशभर में झारखंड सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. भिंड में प्रवास पर आए जैन मुनि प्रतीक सागर के आव्हान पर रविवार को संपूर्ण जिले से जैन समाज के पचास हजार महिला और पुरुष अपने प्रतिष्ठान बंद कर भिंड पहुंचे.
झारखंड सरकार काले कानून को वापस ले
यहां उन्होंने हाथों में झारखंड सरकार के विरोध की तख्तियां लेकर किला गेट से लेकर परेड चौराहे तक रैली निकाली और परेड चौराहे और एकत्रित होकर मुनि प्रतीक सागर की अगुआई में सभा की सभा को संबोधित किया और उसके उपरांत राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर के प्रतिनिधि जिलापंचायत सीईओ जेके जैन को ज्ञापन सौंपा. वहीं जैन मुनि प्रतीक सागर का कहना था कि जैन समाज अहिंसावादी समाज के लिए जाना जाता है. इसके प्रमुख तीर्थ झारखंड स्थित सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित करने के बाद वहां पर मांस मदिरा और अंडे जैसी चीजों की बिक्री की जाएगी, जिसके चलते उनकी धार्मिक आस्था को चोट पहुंचेगी. लिहाजा झारखंड सरकार को काले कानून को वापस ले लेना चाहिए अन्यथा देश भर का जैन समाज तब तक वैचारिक आंदोलन करता रहेगा.
जैन समाज के पूजा स्थल की पवित्रता हो जाएगी भंग
जैनियों के 24 में से 20 तीथर्ंकरों की 'निर्वाण' (मोक्ष) भूमि होने के कारण यह उनके लिए पूजनीय क्षेत्र है. जैन समाज का कहना है कि अगर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया गया तो इस पूजा स्थल की पवित्रता भंग हो जाएगी. वहां मांसाहार और शराब सेवन जैसी अनैतिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इससे 'अहिंसक' जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी.
झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी है पारसनाथ
गौरतलब है कि पारसनाथ झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी है, जो वन क्षेत्र से घिरी हुई है. पहाड़ी की तलहटी में दर्जनों जैन मंदिर हैं. 2 अगस्त, 2019 को झारखंड सरकार द्वारा की गई सिफारिश के बाद केंद्रीय वन मंत्रालय ने पारसनाथ के एक हिस्से को वन्यजीव अभयारण्य और पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया है.जैन समाज का कहना है कि क्षेत्र में ईको-टूरिज्म और अन्य गैर-धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देना गलत है.