Bhopal: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) जिले के गांव मेहोना के प्रद्युमन सिंह चढ़ार फिल्मों में अपना हाथ आजमाने के लिए भोपाल पहुंचे थे. उन्होंने 2017 में ट्रेनिंग लेने के लिए पहले थिएटर एकेडमी ज्वाइन की. इसके बाद उन्होंने अपनी एक्टिंग का जलवा स्थानीय तौर पर कई छोटे-बड़े मंचों पर बिखेरने का प्रयास किया. अभिनय के दम पर वो धीरे-धीरे अपनी साख बनाने लगे, लेकिन एक साल बाद प्रद्युमन को अवे कूलर नैक्रोसिस (AVN) नाम की बीमारी ने घेर लिया. जिसके कारण उनके कमर के नीचे के हिस्से में दर्द बना रहने लगा.


बीमारी के नाम पर रखा चाय की दुकान का नाम
जब उन्होंने अस्पतालों में संपर्क किया तो पता चला कि उनके कूल्हे का रिप्लेसमेंट करना पड़ेगा, लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम ना हो पाने के कारण प्रद्युमन सिंह संघर्ष करते रहे. इसके बाद उन्होंने एलोपैथी दवाइयों का रास्ता छोड़कर आयुर्वेदिक संस्थान में अपना इलाज प्रारंभ किया. जिसका असर यह हुआ कि उन्हें कुछ महीनों के बाद पहले की तुलना में आराम मिलने लगा, लेकिन आर्थिक संकट जीवन के सामने खड़ा था. इसी संकट को उन्होंने अपना लक्ष्य बनाकर इसी बीमारी एवीएन के नाम से पिपलानी चौराहे पर AVN चायवाला नाम से अपना स्टॉल चालू कर दिया.


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भोपाल शहर में हुए चर्चित
प्रद्युमन सिंह की मेहनत रंग लाई और वह AVN चाय वाला बन गए. भोपाल और उसके आसपास के इलाकों में चर्चित होकर अपना स्टाल चला रहे हैं. इसके साथ ही कई निराशा में पड़े युवाओं को प्रेरणा देने का काम भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया, ''मैंने हार ना मानते हुए आगे बढ़ने का प्रयास किया. यदि मैं एक्टर नहीं बन सका तो कोई बात नहीं अब मैं अपने रोजगार में ही एक्टर बनने की कोशिश करुंगा.'' 


दुकान चलाकर से करते हैं परिवार का भरण पोषण
प्रद्युमन सिंह ने अपनी बीमारी का भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वैदिक महाविद्यालय में 3-4 महीने इलाज कराया. इस अस्पताल के डॉक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की बीमारियों का इलाज आयुर्वेद पद्धति से किया जाता है. जिसमें जो ऊतक निर्माण की प्रक्रिया बंद हो गई है उन्हें आयुर्वेदिक तरीके से पंचकर्म के द्वारा ठीक करने का प्रयास किया जाता है. प्रद्युमन सिंह का यह हौसला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि वह अपने परिवार का पालन पोषण भी कर रहे हैं और युवाओं को प्रेरणा भी दे रहे हैं.


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