Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) और आर्थिक नगरी इंदौर (Indore) में कमिश्नर प्रणाली को लागू हुए पूरा एक साल हो गया है. एक साल होने के मौके पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिसकर्मियों का मुंह मीठा कराया. प्रदेश के गृहमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि कमिश्नर प्रणाली लागू होने से भोपाल और इंदौर में अपराध घटे हैं.


भोपाल में 20 प्रतिशत अपराधों में कमी आई तो वहीं इंदौर में भी 25 प्रतिशत क्राइम में कमी आई है. लूट, चोरी और डकैती जैसे बड़े मामलों में भी 10 प्रतिशत की कमी देखी गई. कमिश्रर प्रणाली लागू होने के इस एक साल में साइबर क्राइम के मामलों में भोपाल पुलिस ने एक करोड़ 14 लाख रुपये की बरामदगी की है, जबकि इंदौर पुलिस ने तीन करोड़ रुपये जब्त किए हैं.
 
भोपाल पुलिस के अनुसार इस एक साल में अपराधों की संख्या में कमी है. साल 2021 में जहां ढाई हजार अपराध हुए थे तो वहीं इस साल 2022 में यह 1300 पर आ सिमटी है. पुलिस के मुताबिक साल 2022 में 9500 व्यक्तियों से बाउंड भरवाए गए हैं. कमिश्रर प्रणाली लागू होने के बाद से ही अपराधियों की संख्या में भी कम हो रही है. पुलिस का मानना है कि इस प्रणाली के लागू होने से पुलिस के व्यवहार से भी आमजन संतुष्ट है. थाने में शिकायत लेकर पहुंचने वाले लोगों के पास कमिश्रर ऑफिस से फोन किया जाता है. इसमें उनसे पुलिस के व्यवहार की जानकारी ली जाती है. इस दौरान शिकायतकर्ता पुलिस के व्यवहार से संतुष्ट नजर आते हैं. 


भोपाल में 289 नए अपराधी
बता दें कि साल 2021 में नए अपराधियों की संख्या में 600 थी, जबकि कमिश्रर प्रणाली लागू होने के बाद इस साल नए अपराधियों की संख्या गत वर्ष की तुलना में आधी से भी कम रह गई है. पुलिस के अनुसार साल 2022 में 289 नए अपराधी आए हैं. पुलिस के अनुसार गुम हुए बच्चों को माता-पिता से मिलाने में भी तेजी आई है. पहले जहां इस मामले में 70 दिन का समय लग जाता था. वहीं अब 12 दिन में पुलिस गुम बच्चों का पता लगा लेती है. संपत्ति से जुड़े मामलों में होने वाली बरामदगी दस प्रतिशत तक बढ़ी है. चोरी हुई संपत्तियों की बरामदगी भी 10 प्रतिशत बढ़ी है. 


तकनीक से हाईटेक हुई पुलिस
बता दें कि तकनीक की बदौलत भी भोपाल की पुलिस ज्यादा हाईटेक हो गई है. पुलिस कमिश्रर सिस्टम के चलते लोन ऐप और पैसों से जुड़े साइबर क्राइम को सुलझाने में जल्दी सफलता मिल रही है. पुलिस कमिश्रर सिस्टम में रात्रि कॉम्बिंग गश्त बनाया गया, इस अभियान में लगभग एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने गुंडों और वारंट जारी अपराधियों को पकड़ा है. इन अपराधियों में दो हजार से ज्यादा रात के समय गिरफ्तार किए गए हैं.



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