Bhopal News: अंग्रेजी सिखाने का काम 3 साल के लिए ठेके पर देने की तैयारी, राज्य शिक्षा केंद्र पर उठ रहे सवाल
मध्य प्रदेश में राज्य के शिक्षकों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण देने के लिए 58 साल से इंग्लिश लैंग्वेज टीचिंग इंस्टीट्यूट कार्यरत है. लेकिन अब प्राइवेट एजेंसी के जरिए अंग्रेजी की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी.
MP News: राज्य शिक्षा केंद्र के आला अधिकारियों की बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. 58 साल से इंग्लिश लैंग्वेज टीचिंग इंस्टीट्यूट कार्यरत है. इंस्टीट्यूट की स्थापना का मकसद राज्य के शिक्षकों को अंग्रेजी सिखाना था. लेकिन अब अंग्रेजी सिखाने के नाम पर प्राइवेट एजेंसी को काम देने की तैयारी है. निजी एजेंसी को अंग्रेजी सिखाने का काम 3 साल के लिए ठेके पर दिया जा रहा है. अंग्रेजी भाषा के प्रशिक्षण पर हर साल औसतन ढाई करोड़ रू से ज्यादा खर्च किए जाएंगे. 3 मार्च को जारी ओपन ई टेंडर में अंग्रेजी भाषा परीक्षण के लिए निजी एजेंसियों को आमंत्रित किया गया है.
राज्य के शिक्षकों को अंग्रेजी सिखाने के लिए है सेटअप
चार दिवसीय प्रशिक्षण के लिए दिन 1095 दर्ज है. निविदा खोलने की तारीख 28 मार्च है. प्री बिड मीटिंग के लिए वैधता 90 दिन है. अरेरा हिल्स पुस्तक भवन स्थित राज्य शिक्षा केंद्र का पता दिया गया है. राज्य शिक्षा केंद्र कार्यालय के तहत आने वाले ईएलटीआई की संबद्धता बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से है. इंग्लिश लैंग्वेज टीचिंग इंस्टीट्यूट 1964 में स्थापित हुआ था. स्थापना का मूल उद्देश्य पहली से बारहवीं तक के शिक्षकों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण देना है. संस्थान की तरफ से शिक्षकों के लिए अंग्रेजी भाषा में डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है. सेटअप में संचालक से लेकर अंग्रेजी भाषा के विशेषज्ञ, प्राध्यापक और व्याख्याता तक शामिल हैं.
ठेके पर देने की हो रही कवायद से उठे गंभीर सवाल
सभी को मिला लिया जाए तो करीब 20 लोगों का स्टाफ है. ईएलटीआई की अलग से लाइब्रेरी है. भोपाल में 6 नंबर के पास संजय गांधी स्कूल परिसर में इंस्टीट्यूट का अपना भवन और हॉस्टल भी है. इससे पहले हर्षवर्धन नगर में बंगला किराए पर लेकर हॉस्टल चलाया जा रहा था. मामले में डॉ राजेंद्र कुमार पांडे प्रभारी निदेशक ईएलटीआई राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने कहा, "मैं प्रभारी जरूर हूं लेकिन मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं है. आप ऊपर के अधिकारियों से बात करें तो बेहतर होगा. उनको सब पता है क्या होगा, कब होगा. हमारा काम अंग्रेजी भाषा के शिक्षण का है. उसे बखूबी कर रहे हैं."