Politics on Electricity Crisis: मध्यप्रदेश में बिजली संकट पर राजनीति तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने मांग की है कि बिजली संकट पर दो दिनों का विधानसभा सत्र बुलाकर चर्चा की जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली ना लेते हुए करोड़ों रु का भुगतान किया गया. नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने पलटवार किया है.


बिजली संकट पर BJP कांग्रेस में ठनी


मंत्री तुलसी सिलावट ने कांग्रेस को पुराने दिनों की याद दिलाई है. उन्होंने नसीहत दी है कि कांग्रेस पहले अपने गिरेबान में झांके. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस के कार्यकाल में कितने घंटे बिजली मिलती थी? लोग परेशान रहते थे लेकिन कांग्रेस की सरकार में सुनने वाला कोई नहीं था. फिलहाल कोयले के संकट की वजह से थोड़ी दिक्कतें हो सकती हैं और ये दिक्कत पूरे देश में है. लेकिन संकट दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए हैं.


मंत्री तुलसी सिलावट ने कही ये बात 


उम्मीद है कि अब बिजली की किल्लत नहीं रहेगी. कांग्रेस के पास आरोप लगाने के लिए अलावा कुछ नहीं बचा है. सिलावट ने कहा कि जनता भी जानती है कि किसके कार्यकाल में बिजली की क्या व्यवस्था थी? गौरतलब है कि गोविंद सिंह के आरोप से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शिवराज सरकार पर मौन तोड़ने का दबाव बना चुके हैं. 


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