MP News: मध्य प्रदेश सरकार की बुलडोजर कार्रवाई नीति किस तरह सरकार के लिए ही सिरदर्द साबित हो जाती है, इसका उदाहरण मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में देखने को मिला है. यहां एक लड़की से छेड़छाड़ करने के मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोपी के गिरफ्तारी के बाद उसके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग पुलिस प्रशासन से की थी. लेकिन घटना के 6 दिन बाद जब पुलिस प्रशासन का एक्शन नहीं दिखा तो लोगों ने खुद ही कानून हाथ में ले लिया और आरोपी का खुद ही घर गिरा दिया.


दो गुट आमने-सामने
रायसेन में पीड़िता के परिजनों के साथ ग्रामीणों ने आरोपी का मकान तोड़ने के बाद गांव में दो गुट आमने-सामने आ गए. इस घटना के दौरान बीच-बचाव करने पहुंचे सलामतपुर थाना प्रभारी घायल हो गए. फिर किसी तरह पुलिस बल ने यहा एक बड़ी घटना को अंजाम देने से रोक दिया. 


मीडिया को भी जाने रोका
वही रायसेन कलेक्टर एसपी घटना के बाद से ही मौके पर ही रहे. मामले की गंभीरता को देखते हुए आज रेंज के डीआईजी जगत सिंह राजपूत ने भी घटनास्थल का दौरा किया और ग्रामीणों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. इस पूरे मामले को पुलिस ने दबाने का भरसक प्रयास किया और मीडिया तक को उस गांव में जाने से रोक दिया.


कलेक्टर-एसपी ने संभाला मोर्चा
मौके पर पुलिस बल कम संख्या में था और हमला करने वाले लोग ज्यादा संख्या में होने के कारण पुलिस उनको घर तोड़ने से नही रोक पाई. जिसके बाद स्तिथि ज़्यादा बिगड़ने पर रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे, एसपी विकास शाहवाल रायसेन, सांची, सलामतपुर, दीवानगंज चौकी का पुलिस बल मोके पर पहुंच गया है. देर रात तक स्तिथि कंट्रोल कर ली गई. 


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