MP Local Body Election: पार्षद पद के उम्मीदवारों को देना होगा एक-एक पैसे का हिसाब, चुनाव प्रचार में इतना पैसा खर्च करने की है इजाजत
MP News: निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनावों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक उम्मीदवारों को चुनावी खर्चे में इस्तेमाल हो पैसे और बचत का पूरा ब्यौरा निर्वाचन आयोग को देना होगा.
भोपाल: .मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आगामी नगरीय निकाय चुनाव (Local Body Election) को लेकर निर्वाचन आयोग सख्त नजर आ रहा है. दरअसल लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार पार्षद और महापौर का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को एक-एक रुपये का हिसाब रखकर निर्वाचन आयोग को देना होगा. जिसके लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है चुनाव में कितनी राशि इस्तेमाल की जा रही है. किस प्रकार से इस्तेमाल की जा रही है और कितनी राशि खर्च करने के बाद शेष बच रही है, इसकी जानकारी भी राज्य निर्वाचन आयोग को देनी होगी. गौरतलब है कि चुनाव में अवैध रूप से इस्तेमाल होने वाले धन पर अंकुश लगाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह से मुस्तैद है.
चुनाव आयोग को एक-एक पैसे का हिसाब देना होगा
बता दें कि इससे पहले पार्षद उम्मीदवारों के लिए इस प्रकार के कड़े प्रावधान लागू नहीं होते थे. किंतु इस बार निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी उम्मीदवार पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ेंगे उन्हें एक-एक रुपये का हिसाब निर्वाचन आयोग को देना होगा. कितनी नगद राशि किस व्यक्ति के पास रखी है. उसकी जानकारी भी चुनाव आयोग के सामने स्पष्ट करनी होगी. गौरतलब है कि निकाय चुनावों में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगमों में पार्षद चुनाव खर्च की सीमा लगभग 8 लाख 75 हजार रुपये और महापौर के लिए अधिकतम सीमा 35 लाख रुपये रखी गई है.
सोशल मीडिया पर भी निर्वाचन आयोग की रहेगी नजर
बड़े चुनाव जैसे विधानसभा और लोकसभा की तर्ज पर नगरीय निकाय चुनावों में भी सोशल मीडिया पर निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी. सोशल मीडिया के विभिन्न उपागमों पर यदि प्रत्याशियों के द्वारा अपने चुनाव का प्रचार प्रसार किया जाता है तो उसकी जानकारी भी निर्वाचन आयोग को देनी पड़ेगी.
पार्षदों को चुनाव से जुड़ा सारा ब्यौरा निर्वाचन आयोग को देना होगा
चुनाव के दौरान होने वाली रैलियों, प्रचार के विभिन्न तरीकों,सभाओ से जुड़ा हुआ प्रत्येक ब्यौरा पार्षदों को निर्वाचन आयोग को सौंपना होगा. जिसके आधार पर निर्वाचन आयोग आचार संहिता का पूर्णरूपेण निर्धारण करेगा. निर्वाचन आयोग की सख्ती इसी बात को लेकर है कि किसी भी प्रकार से चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. वहीं दूसरी ओर इस बार नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों से होगा इसीलिए पार्षद उम्मीदवारों के लिए नियम सख्त बनाए गए हैं.
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