Jabalpur News:  जबलपुर के नए कलेक्टर डॉ सौरव कुमार सुमन ने आम नागरिकों की समस्याओं के निराकरण को अपनी पहली प्राथमिकता बताया. उन्होंने वादा किया कि जिले में अधोसरंचना विकास के कार्यों और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर उनकी नजर रहेगी. उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अच्छा कार्य करेंगे उनकी प्रशंसा होगी, ढिलाई बरतने वालों को दंड भी भुगतना होगा. जबलपुर में चार साल में पांचवें कलेक्टर के रूप में आमद देने वाले सौरव कुमार सुमन के सामने तमाम चुनौतियां है.


ये हैं चुनौतियां



  • जबलपुर में स्मार्ट सिटी के सभी काम वक्त से पीछे चल रहे हैं.

  • प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई ओवर का निर्माण भी धीमी गति से चल रहा है.

  • साफ-सफाई में शहर की रैंकिंग काफी पिछड़ी हुई है.

  • शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट हो चुकी है.

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के काम लक्ष्य से बहुत पीछे हैं.

  • शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है.


डीएम ने ली बैठक


कलेक्टर सुमन ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे दिन गुरुवार को इन चुनौतियों से निपटने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष के जिला अधिकारियों की परिचयात्मक बैठक ली. कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में जिला पंचायत की सीईओ डॉ सलोनी सिडाना, नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा, विमलेश सिंह, नमः शिवाय अरजरिया, स्मार्ट सिटी की सीईओ निधि सिंह राजपूत और सभी विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे.


कलेक्टर ने अपनी कार्यशैली को साफ करते हुए बैठक में कहा कि अधिकारियों को जनता से जुड़े मुद्दों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनना होगा. उन्हें गंभीरता से अपने दायित्वों का निर्वाह करना होगा. कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी को विभागीय लक्ष्यों को समय पर पूरा करना होगा. वे चाहेंगे कि जिले में जो काम का अच्छा वातावरण है वो आगे भी बना रहे जितने भी अच्छे कार्य चल रहे हैं, सब जारी रहें. इसके साथ ही नये-नये आइडिया और नवाचारों को भी अपनाया जाए. उन्होंने सभी विभागों के मैदानी अधिकारियों को बिना अनुमति के हेडक्वार्टर ना छोड़ने के निर्देश दिये.
  
कलेक्टर ने बैठक में साफ किया कि वे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग करेंगे. सुबह अधिकारियों को जो टास्क दिया जाएगा, शाम को डेटा के आधार पर उसका रिव्यू भी करेंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की माइक्रो लेवल पर मॉनिटरिंग करनी होगी. अधिकारियों को भी ध्यान रखना होगा कि योजनाओं और लक्ष्य का क्रियान्वयन समय पर पूरे हों. उन्होंने कहा कि बिना उनकी अनुमति के सीएम हेल्पलाइन की किसी भी शिकायत को फोर्स क्लोज ना किया जाए.


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