MP Corona Vaccination: मध्यप्रदेश में बड़े शहरों सहित ग्रामीण अंचलों में 23 मार्च से 12 वर्ष से लेकर 14 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण महाअभियान का प्रारंभ किया जाना तय हुआ है. लेकिन लगातार मौसम के तीखे तेवरों को देखते हुए चिकित्सा विभाग और एक्सपर्ट्स की राय पर अब सरकार ने इसमें कुछ तब्दीली की है. एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चों को दिए जाने वाली वैक्सीन को लगाने से पहले उन्हें ओआरएस (ORS) का घोल पिलाया जाएगा, जिसके कारण उनके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा का बैलेंस बना रहेगा जिससे डिहाइड्रेशन होने की संभावना नहीं होगी.


ये है एक्सपर्ट्स की राय 
ओआरएस दिए जाने के बाद टीकाकरण करने पर बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा. इस संबंध में मीडिया को राज्य कोविड टीकाकरण अधिकारी डॉ संतोष शुक्ला ने बताया कि तेज धूप और गर्मी के कारण बच्चे वैक्सीन से प्रभावित हो सकते हैं. ऐसे में उनके शरीर में डिहाइड्रेशन होने के कारण कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. जिसे रोकने के लिए ओआरएस का घोल पिलाया जाएगा ताकि बच्चों के शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा का बैलेंस बना रहे. इसी के साथ एक्सपर्ट शुक्ला ने बताया कि जिस तरीके से मौसम में लगातार बदलाव चल रहा है.


पेरेंट्स बच्चों के शरीर में पानी की कमी ना होने दें
उसे देखते हुए हमारा पेरेंट्स से यही अनुरोध रहेगा कि बच्चों को कुछ खिला कर ही वैक्सीनेशन सेंटर पर ले जाएं. साथ ही साथ उनके शरीर में पानी की कमी ना होने दें. सरकार ने बच्चों को ओआरएस  घोल पिलाने की व्यवस्था वैक्सीनेशन सेंटर पर भी की है. जिन भी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, स्कूलों आदि स्थानों पर बच्चों का वैक्सीनेशन होगा वहीं पर उनको ओआरएस घोल पिलाने की व्यवस्था भी की जाएगी.


बर्थ सर्टिफिकेट लेकर आना अनिवार्य
केंद्र सरकार की तरफ से स्पष्ट निर्देश कोविड पोर्टल के माध्यम से दिए गए हैं कि 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में जो बच्चे 2008 व 2009 में पैदा हुए, उनके साथ 15 मार्च 2022 तक जो बच्चे 12 साल पूरा कर रहे हैं वहीं इस वैक्सीनेशन के पात्र होंगे. एक भी दिन की आयु कम होने की स्थिति में बच्चे को वैक्सीनेशन नहीं किया जाएगा. इसीलिए वैक्सीनेशन सेंटर पर बच्चों के साथ बर्थ सर्टिफिकेट लेकर आना अनिवार्य होगा. केंद्र सरकार-राज्य सरकार और उससे जुड़े तमाम एक्सपर्ट्स ने स्पष्ट कहा है कि टीकाकरण को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम मन में नहीं पालें, बच्चों के लिए कार्बवैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है इसके माध्यम से हम भविष्य में कोरोना से जुड़े किसी भी स्ट्रेन से लड़ने के लिए अपने बच्चों को तैयार कर रहे हैं.