MP News: कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की इस तरह से होगी पढ़ाई, जबलपुर के कलेक्टर की सराहनीय पहल
कोरोना काल में अनाथ हुए 15 बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का भार पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन योजना के तहत उठाया जाएगा. इन बच्चों की देखरेख में जबलपुर कलेक्टर ने व्यक्तिगत रुचि दिखाई है.
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Jabalpur News: जबलपुर में कोरोना काल में अनाथ हुए 15 बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का भार पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन योजना के तहत उठाया जाएगा. इन बच्चों की देखरेख में जबलपुर कलेक्टर ने व्यक्तिगत रुचि दिखाई है और अपना मोबाइल नंबर देकर बच्चों से किसी भी तकलीफ में सीधे बात करने को कहा है.
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना अंतर्गत कोरोना काल में अनाथ हुये बच्चों की शिक्षा-दीक्षा व उनके उज्जवल भविष्य बनाने के लिये कलेक्ट्रेट में बैठक की. इस दौरान अपर कलेक्टर राजेश बाथम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री एम.एल. मेहरा, केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य तथा बच्चे व उनके संरक्षक उपस्थित थे.
इस तरह से होगी अनाथ बच्चों की पढ़ाई
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा ने कहा कि कोविड काल में जिनके माता-पिता नहीं रहे, उनके बच्चों को कोविड बाल कल्याण योजना के साथ पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना से लाभांवित किया जायेगा.बैठक के दौरान पन्द्रह बच्चों के नाम सामने आये जिन्हे उक्त योजना से लाभांवित करने के निर्देश दिये गये.पॉंच बच्चों ने केन्द्रीय विद्यालय में भर्ती के लिये अपनी सहमति दी है. शेष बच्चें अशासकीय स्कूल में हैं,जिनकी फीस रिएम्बर्स कराने को कहा गया.
कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोविड काल में जिनके माता-पिता नहीं रहे,उन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित की जायेगी. साथ ही कहा कि इन बच्चों को कोविड बाल सहायता योजना अंतर्गत पांच हजार रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है. पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के अंतर्गत उन बच्चों के डीएम के साथ संयुक्त खाते में दस-दस लाख जमा भी हो चुके हैं.18 से 23 साल के बीच उन्हें उसका ब्याज भी मिलेगा और 23वें साल के बाद एक मुश्त 10 लाख रूपये मिलेगा, जिससे बच्चा अपनी उच्च शिक्षा पूर्ण कर बेहतर रोजगार पा सकता है.
समस्या का तुरंत होगा निपटारा
कलेक्टर ने बैठक के दौरान सभी बच्चों से उनकी पढ़ाई-लिखाई, उनके लक्ष्य, जॉब व उनके संरक्षक के बारे में बातचीत की और सभी बच्चों को अपना मोबाइल नम्बर देकर कहा कि किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो वे तत्काल उन्हे फोन करें. बच्चों व संरक्षक से संवाद के दौरान कुछ समस्यायें सामने आई जिसके तुरंत निराकरण करने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिये गये और कहा कि 15 दिन बाद फिर से इस संबंध में बैठक की जायेगी.
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