Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने चित्रकूट के जुड़वा बच्चों की फिरौती के लिए सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों की दोहरे आजीवन कारावास की सजा को फांसी में बदलने की मांग संबंधी याचिका को अंतिम सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं जस्टिस डीके पालीवाल की खंडपीठ ने इस मामले में सरकार समेत सभी पाँच आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है.बच्चों के पिता बृजेश रावत ने निचली अदालत के फैसले को बदलने हाईकोर्ट में अपील दायर की है.रावत की ओर से अधिवक्ता महेश सोनी एवं विकल्प सोनी ने हाईकोर्ट से कहा कि यह मामला विरल से विरलतम श्रेणी में आता है, इसलिए आरोपियों को फाँसी की सजा दी जाए.
2019 में हुई थी हत्या
गौरतलब है कि छह साल के जुड़वा भाई श्रेयांश और प्रियांश उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के तेल व्यापारी बृजेश रावत के बेटे थे.12 फरवरी 2019 को स्कूल परिसर के समीप स्कूल बस से छह बदमाशों ने इनका अपहरण किया था और एक करोड़ रुपये फिरौती माँगी थी. बदमाशों ने दोनों भाइयों की हत्या करने के बाद भी 20 लाख रुपये फिरौती वसूल ली थी और फिरौती मिलने के चार दिन बाद 24 फरवरी को दोनों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिला में यमुना नदीं में मिले थे. सतना की जिला अदालत ने 26 जुलाई 2021 को पाँचों आरोपियों पद्मकांत शुक्ला, राजू द्विवेदी, आलोक सिंह, विक्रमजीत सिंह और अपूर्व यादव को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई थी.एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई थी.
हाई कोर्ट ने नहीं दी जमानत
इसी दौरान एक आरोपी पदमकांत शुक्ला ने जमानत आवेदन पेश कर कहा कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है.उसने 15 दिन की अस्थाई जमानत देने की माँग की. आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजितेश तिवारी और नरेन्द्र कुमार ने कहा कि आरोपियों ने बहुत ही दुर्दात तरीके से बच्चों की हत्या की है. आरोपियों ने 10 दिन तक बच्चों को कैद में रखकर नशे की गोलियाँ दीं.फिरौती लेकर भी हत्या कर लाश पिंजरे में बंद कर नदी में फेंक दी. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में व सहानुभूति नहीं दिखाई जा सकती। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अस्थाई जमानत देने से इनकार कर दिया.
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