MP News: जबलपुर की 'चित्रांजलि' प्रदर्शनी मन मोहने वाली तस्वीरें, सर्वश्रेष्ठ फोटो को मिला 1 लाख का इनाम
Jabalpur News: इसमें देश भर से 9 हजार से अधिक फोटोग्राफर्स की प्रविष्टियां आई थीं जिसमें से सर्वश्रेष्ठ को पुरस्कार के लिए चुना गया. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये.
MP News: भारत उत्सव प्रधान देश है. जबलपुर (Jabalpur) में कैमरे की नजर से भारत की यही उत्सव धर्मिता देखने को मिली. अवसर था जबलपुर में आयोजित चित्रांजलि फोटो प्रदर्शनी (Chitranjali photo exhibition) और प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण का. इसमें देश भर से 9 हजार से अधिक फोटोग्राफर्स की प्रविष्टियां आई थीं जिसमें से सर्वश्रेष्ठ को पुरस्कार के लिए चुना गया. रविवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये.
महेन्द्र चौधरी की स्मृति में लगायी जाती है चित्रांजली
यहां बता दें कि चित्रांजलि संस्कारधानी जबलपुर के ख्यातिलब्ध फोटोग्राफर स्वर्गीय महेन्द्र चौधरी की स्मृति में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है. इसे फोटोग्राफर्स का महाकुंभ कहा जाता है. इस महाकुंभ में भारत भर से फोटोग्राफर अपनी कला को प्रदर्शित करते हैं.
तीन सर्वश्रेष्ठ फोटो को किया गया सम्मानित
चित्रांजली के संयोजक डॉ. संजीव चौधरी ने बताया कि चित्रांजलि नेशनल कैटेगरी में भारत भर से आये फोटोग्राफ्स में से तीन श्रेष्ठ फोटो चयन किया गया. जिन्हें क्रमशः एक लाख रुपए, पचास हजार और पच्चीस हजार रुपए की नकद राशि से पुरस्कृत किया गया. प्रथम पुरस्कार कोलकाता के प्रियंकर दासगुप्ता को तथा पश्चिम बंगाल की ही रोमिला डे को द्वितीय पुरस्कार दिया गया.
फेस्टिवल्स ऑफ़ जबलपुर की केटेगरी में प्रथम पुरस्कार रुद्राक्ष (21000 रुपये) तथा द्वितीय पुरस्कार लवली दीवान (10000 रुपये) को दिया गया. इसके साथ ही 25 अन्य को प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए गए. अपने चौबीसवें वर्ष में प्रवेश कर गई चित्रांजली में इस साल एंट्रीज में काफी इजाफा हुआ.
देशभर से आईं 9 हजार से ज्यादा एंट्री
संजीव चौधरी बताते हैं कि 2090 फोटोग्राफरों की ओर से 9 हजार एंट्रीज प्राप्त हुई. सभी एक से बढ़कर एंट्रीज थीं, इसलिए इनका चयन और भी मेहनत भरा काम रहा.इस काम को अंजाम दिया है जूरी में शामिल आदित्य अग्रवाल, कैलाश मित्तल और बीके अग्रवाल ने. इस चित्रांजली फोटो फेस्ट को नगर निगम जबलपुर, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले दक्षिण मध्य जोन सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के द्वारा पोषित किया जाता है.
यह भी पढ़ें: MP News: ढाई घंटे का सफर अब मात्र 45 मिनट में, ये है भारत की पहली एक्वाडक्ट टनल, खासियत जानकर रह जाओगे दंग