MP News: मध्य प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति से शराब के दाम में थोड़ी गिरावट जरूर देखने को मिल सकती है, लेकिन शराब पीना अब 1 अप्रैल से महंगा होने वाला है. शराब के अहाते बंद होने से 26 हजार लोगों की रोजी-रोटी पर भी संकट मंडराने लग गया है. 


शराब का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक है, समाज भी शराब और शराबी को अच्छी निगाह से नहीं देखता है, लेकिन शराब के जरिए सरकारों को करोड़ों का राजस्व मिलता है, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा शराब की दुकानों से रोजगार पाने वालों की संख्या भी हजारों में हैं. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट के माध्यम से यह प्रस्ताव पास कर दिया है कि 31 मार्च के बाद मध्य प्रदेश में शराब के अहाते नहीं रहेंगे. इस फैसले के बाद अब ऐसे 26 हजार परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है, जो अहातों के माध्यम से रोज अपनी कमाई करते हैं. एमपी में कुल 2611 अहाते हैं, जिन्हें 1 अप्रैल से बंद कर दिया जा रहा है. प्रत्येक अहाते क अंदर और बाहर कम से कम 10 परिवारों का घर चलता है. इस प्रकार 26,000 से ज्यादा परिवार के सामने 1 अप्रैल से नए व्यापार का संकट खड़ा हो गया है. 


अहाते के बाहर लगती हैं दुकानें
मध्यप्रदेश में अहाते के अंदर नमकीन, अंडे आदि की दुकान चलाई जाती है. यह दुकान शराब ठेकेदार की सहमति से चलाई जाती है, जिसके एवज में ठेकेदार को किराए के रूप में कुछ राशि देना होती है. इस प्रकार अहाते के अंदर कम से कम 5 परिवारों का भरण पोषण हो जाता है. इसके अलावा अहातों के बाहर भी दुकान लगाकर कई लोग व्यापार करते हैं. इनकी संख्या भी पांच-छह से कम नहीं होती है. इस प्रकार प्रत्येक अहाते से 10 से 12 परिवार जुड़े होते हैं.


मदिरा प्रेमियों की होगी जेब ढीली
शिवराज सरकार ने मदिरा को हतोत्साहित करने के लिए नई नीति बनाने का ऐलान किया है. नई आबकारी नीति के जरिए शराब के अहाते बंद किए जा रहे हैं. इससे उन लोगों पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जो अहाते में बैठकर मदिरापान करते थे. अहाते में कम राशि खर्च कर मदिरा प्रेमी शराब का सेवन कर लेते थे, मगर अहाते बंद होने के बाद अब बार पर जाना सुरा प्रेमियों को महंगा पड़ेगा. 


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