MP Politics: मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या अब चुनाव में दोनों राजनीतिक पार्टियों के लिए बड़ा वोट बैंक बनकर सामने आ रही हैं. इसी के चलते बेरोजगारों और बेरोजगारी को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की "मुख्यमंत्री सीखो, कमाओ योजना" का ऐलान होते ही बीजेपी ने कांग्रेस और कमलनाथ पर हमले तेज कर दिए हैं.


मध्य प्रदेश के युवाओं की बेरोजगारी भारी पड़ सकती है इसलिए विधानसभा चुनाव आते ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को बेरोजगारों की याद आना शुरू हो गई है. अगर मध्य प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो पिछले एक साल में 5,47,000 बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है. यह आंकड़ा केवल चौंकाने वाला ही नहीं बल्कि चिंता में डालने वाला भी है. 


शिवराज सरकार ने किया योजना का एलान
मध्यप्रदेश में प्रतिदिन बेरोजगारों की संख्या 1495 के आसपास बढ़ रही है, जबकि इतनी बड़ी संख्या में रोजगार के साधन उपलब्ध होना नामुमकिन नजर आ रहे हैं. इसी के चलते शिवराज सरकार की ओर से "मुख्यमंत्री सीखो, कमाओ योजना" शुरू की गई है, जिसमें एक साथ लाखों की संख्या में बेरोजगारों को काम सिखाने के साथ-साथ छात्रवृत्ति के रूप में 8000 से 10000 की राशि दी जाएगी. 


कांग्रेस पर बोला हमला
वहीं इस योजना का ऐलान होते ही बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को 'झूठ नाथ' की संज्ञा दे दी है. इसके पीछे तर्क बताया गया है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेरोजगारों को 4000 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया था. जब कमलनाथ की सरकार बन गई तो विधायक मुन्नालाल गोयल ने विधानसभा में बेरोजगारी भत्ते को लेकर प्रश्न पूछा तो सरकार ने इसके उत्तर में कहा कि अभी सरकार के पास बेरोजगारी भत्ता देने संबंधी कोई योजना लंबित नहीं है. 


इसी मुद्दे को उछाल कर बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को झूठा बता रही है. इस मामले में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार बेरोजगारी भत्ता देने की तैयारी कर रही थी और खरीद-फरोख्त कर बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार गिरा दी.


बेरोजगारी का आंकड़ा चौंकाने वाला
मध्य प्रदेश में अगर बेरोजगारों की संख्या के बात की जाए तो 24,77,000 बेरोजगार सूचीबद्ध हैं. इसमें बीते साल के 5,46,000 बेरोजगारों के आंकड़े को और जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 30 लाख 23000 पहुंच जाएगी. बेरोजगारों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश का विकास भी धीमे हो रहा है. इसके अलावा अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं.


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