MP Urban Body Election 2022: सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बताया 'आतंकवादी', कांग्रेस की सरकार पर लगाए ये आरोप
MP News : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक जनसभा में कहा कि 15 महीने जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार हुआ करती थी. उस सरकार ने बीजेपी सरकार की संबल योजना और लाडली लक्ष्मी जैसी योजनाएं बंद कर दी थीं.
भोपाल: मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban Body Election) के दूसरे चरण का मतदान 13 जुलाई को होगा. दिग्गज नेता अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए प्रचार कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशियों को जिताने के लिए जगह-जगह रोड शो और जनसभाएं कर रहे हैं. इस दौरान वो लगातार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex CM Kamalnath) पर निशाना साधते हैं.
कमलनाथ पर शिवराज सिंह चौहान ने क्या आरोप लगाए
सीधी शहडोल जिले में बीजेपी पार्षद प्रत्याशी को समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने चुनावी सभा को संबोधित किया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा 15 महीने जब कमलनाथ की सरकार हुआ करती थी तो बीजेपी सरकार की संबल योजना और लाडली लक्ष्मी जैसी योजनाएं बंद कर दी थीं. उन्होंने कहा, ''पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आतंकवादी जैसे हो गए हैं, वे अफसरों कर्मचारियों को डरा धमकाते रहते हैं. सीएम शिवराज ने कहा कि कमलनाथ कहते हैं कि बीजेपी का साथ दे रहे हो, मै देख लूंगा, निपटा दूंगा. जब कमलनाथ सीएम थे तो वे अधिकारियों-कर्मचारियों को डरा-धमकाकर अपमानित करने का काम करते थे. रस्सी जल गई बल नहीं गया अभी भी बाज नहीं आ रहे हैं कमलनाथ.''
कमलनाथ ने बीजेपी पर क्या आरोप लगाए
वहीं रीवा में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने गए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंच से बीजेपी को आड़े हाथों लिया. एक जनसभा में उन्होंने कहा कि जनता को अच्छे दिन दिखाने वाली बीजेपी ने गर्त में लाकर खड़ा कर दिया है. किसान, नौजवान व्यापारी सभी वर्ग परेशान है. रोजगार नहीं है. युवा बेरोजगार हैं. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के पास अब जन समर्थन नहीं है. बीजेपी सिर्फ पैसे और पुलिस प्रशासन के दम पर दबाव बना रही है. नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में जनता है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रत्याशी जीत दर्ज कर रहे हैं. इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि 15 महीने बाद कांग्रेस की सरकार बननी तय हो गई है.
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