जबलपुर: मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने फायर एनओसी न होने तथा अन्य मापदण्डों को पूरा नहीं करने वाले 12 और निजी अस्पतालों के पंजीयन (Registration) को निरस्त कर दिया है. इन निजी अस्पतालों में जबलपुर शहर के नौ, बरगी का एक और कटंगी के दो हॉस्पिटल शामिल हैं.इन्हें मिलाकर फायर एनओसी नहीं होने तथा अन्य कमियां पाये जाने पर अब तक 24 अस्पतालों के पंजीयन निरस्त किए जा चुके हैं.यह करवाई सोमवार को न्यू लाईफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में हुए अग्नि हादसे में 8 लोगों की मौत के बाद की जा जा रही है.


किन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन निरस्त हुआ है


मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा के अनुसार जिन अस्पतालों के पंजीयन निरस्त किए गए हैं, उनमें छाबड़ा हॉस्पिटल गुरंदी रोड, रॉयल हॉस्पिटल गढ़ा रेलवे क्रांसिंग, डॉक्टर कपिल नर्सिग होम डीएन जैन स्कूल के सामने, खिदमत हॉस्पिटल आधारताल, सिद्धी विनायक हॉस्पिटल नेपियर टाऊन, अग्रवाल नेत्र चिकित्सालय राईट टाऊन, सिंधु नेत्रालय ग्वारीघाट, मिडास हॉस्पिटल आधारताल,मेडि लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल मनमोहन नगर, बरगी स्थित राधाकृष्ण हॉस्पिटल और कटंगी स्थित श्री हेल्थ केयर हॉस्पिटल एवं एनवी हॉस्पिटल शामिल हैं.


पंजीयन निरस्त करने के साथ ही इन सभी निजी अस्पतालों में नए मरीजों को भर्ती करने पर तत्काल रोक लगा दी गई है.इसके साथ ही पूर्व से भर्ती मरीजों का समुचित उपचार करने की हिदायत अस्पताल संचालकों को दी गई है.


एक चिकित्सक 3 अस्पतालों की करेंगे जांच


मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि जिले में स्थित सभी 129 निजी नर्सिंग होम एवं अस्पतालों के निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं.इसके लिए 43 चिकित्सा विशेषज्ञों और चिकित्सा अधिकारियों को जिले के तीन-तीन निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें दो दिन के भीतर यह कार्य पूरा करके रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.जांच टीम ने गुरुवार से ही अपना काम शुरू कर दिया है.


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