भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के छतरपुर (Chhtarpur) जिले के खजुराहो (Khajuraho) प्रवास के दौरान ठंडी चाय परोसना एक अधिकारी के लिए महंगा पड़ गया. उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कांग्रेस ने इस पर चुटकी ली है. वहीं अनुविभागीय अधिकारी मुख्यमंत्री को ठंडी चाय दिए जाने की बात से इनकार कर रहे हैं. मामला 11 जुलाई का है, जब मुख्यमंत्री खजुराहो हवाई अड्डे पर ट्रांजिट विजिट के लिए कुछ देर के लिए रुके थे. वहीं कांग्रेस के मुताबिक मीडिया में यह मामला आने के बाद कलेक्टर ने इन नोटिस को निरस्त कर दिया है.


क्या है पूरा मामला


राजनगर के अनुविभागीय दंडाधिकारी की ओर से कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी राकेश कंहुआ को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री चौहान 11 जुलाई को खजुराहो एयरपोर्ट पर ट्रांजिट विजिट पर थे. इस दौरान उन्हें नाश्ता और चाय उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आप पर थी, जिसमें चाय का स्तर सही नहीं था. वह ठंडी थी, जिससे जिला प्रशासन के सामने अशोभनीय स्थिति निर्मित हुई एवं प्रोटोकॉल के अनुपालन पर प्रश्नचिन्ह लगा.






इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि इससे प्रतीत होता है कि वीवीआईपी की व्यवस्था को हल्के में लिए जाने से यह स्थिति बनी और कोताही बरती गई, जो प्रोटोकॉल के प्रावधानों के विपरीत होने से कदाचार की श्रेणी में आता है. इस नोटिस में तीन दिन के भीतर अफसर को जवाब देने के लिए कहा गया है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कदाचार के तहत कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. 


अधिकारी का क्या कहना है


अनुविभागीय अधिकारी डीपी द्विवेदी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में नोटिस जारी करने की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आने से पहले प्रशासनिक अधिकारियों को जो चाय परोसी गई थी, उस चाय का स्तर सही नहीं था. वह ठंडी थी. इस पर नोटिस दिया गया है. मुख्यमंत्री ने तो चाय ली ही नहीं. वे वीआईपी लांज में भी आए नहीं. 


हालांकि कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी राकेश कंहुआ को जारी की गई नोटिस में इस बात का जिक्र है कि मुख्यमंत्री को ठंडी चाय परोसी गई.






कांग्रेस ने ली चुटकी


अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को जारी किए गए नोटिस की प्रति के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ''मामा जी को ठंडी चाय पिलाने पर फूड इंस्पेक्टर पर गिरी गाज, छतरपुर के राजनगर का मामला, जनता को भले राशन तक न मिले, पीड़ित को एंबुलेंस न मिले, लेकिन मुखिया को ठंडी चाय नहीं मिलनी चाहिए.'' वहीं नोटिस वापस लिए जाने की खबर आने के बाद सलूजा ने ट्वीट किया, ''भारी किरकिरी व कांग्रेस के विरोध के बाद छतरपुर के राजनगर में मामाजी को ठंडी चाय परोसने को लेकर एसडीएम द्वारा फ़ूड इंस्पेक्टर को दिया नोटिस कलेक्टर से किया निरस्त.''


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