Sehore: सीएम शिवराज के गृह जिले में वादों से मुकरे कॉलोनाइजर, मजबूरी में धरने पर बैठे लोग
वासुदेव कॉलोनी के लोगों की शिकायत है कि कालोनाइजरों ने बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया था. लेकिन कॉलोनाइजर अब वादों से मुकर गए हैं. एफआईआर के बावजूद कालोनाइजर्स को पुलिस का का खौफ नहीं है.
Sehore News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में अवैध कालोनाइजरों का बोलबाला है. आशियाने का झूठा सपना दिखाकर कालोनाइजर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. हालांकि सीहोर जिले की चारों विधानसभाओं में पचास से अधिक कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है. एफआईआर के बावजूद कालोनाइजरों को पुलिस का का खौफ नहीं है. समस्याओं के निराकरण नहीं होने की दशा में लोग अब धरना प्रदर्शनों का सहारा ले रहे हैं. बुदनी विधानसभा क्षेत्र के रेहटी में कॉलोनी वासी धरने पर बैठे हैं. बुदनी सीएम शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र है.
कालोनाइजरों के हसीन सपने में आए कॉलोनवासी
वासुदेव कॉलोनी के लोगों की शिकायत है कि कालोनाइजरों ने बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया था. लेकिन कालोनाइजर अब वादों से मुकर गए हैं. आरोप है कि कालोनाइजर गीता यादव पत्नी गिरीश यादव निवासी बुदनी, अनिता साहू पत्नी भगवानदास साहू निवासी खेरी रेहटी ने वार्ड क्रमांक नौ में वासुदेव के नाम से कॉलोनी काटी थी. कॉलोनी में बिजली, पानी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सुविधाओं के लिए कई बार कालोनाइजरों सहित प्रशासनिक अफसरों को अवगत कराया, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो सका.
सुविधाओं के अभाव में धरने पर बैठन को मजबूर
धरने पर बैठे श्रीराम वर्मा ने बताया कि कालोनाइजर गीता यादव पत्नी गिरीश यादव, अनिता साहू पत्नी भगवानदास साहू ने प्लॉट बेचते समय वासुदेव कॉलोनी में बिजली के खंभे लगाकर रोशनी उचित व्यवस्था करने को कहा था. कॉलोनी में स्वच्छ पेयजल, बच्चों को खेलने के लिए गार्डन, मंदिर का निर्माण, पक्की सड़कें, बारिश के पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था करने का वादा किया किया गया था. लेकिन अब कालोनाइजर किए गए वादों से मुकर गए हैं. कॉलोनवासी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में धरने पर बैठन को मजबूर हैं.
बता दें कि भोपाल के पूर्व कमिश्रर कवीन्द्र कियावत अवैध कालोनाइजरों के खिलाफ एक्शन मोड में आए थे. सख्ती के बाद सीहोर जिले में करीब पचास से अधिक कालोनाइजरों पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी. हालांकि किसी कालोनीनाइजर को गिरफ्तार नहीं किया गया. नतीजतन कालोनाइजरों के हौंसले बुलंद हैं और भोली भाली जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.