MP Politics: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विकास यात्रा (Vikas Yatra) को जवाब देने के लिए कांग्रेस (Congress) 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान (Hath Se Hath Jodo Campaign) चला रही है. दोनों ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी विचारधारा के दम पर एमपी में सत्ता हासिल करना चाहते हैं. हालांकि दोनों पार्टियों के अभियानों में बेहद फर्क नजर आ रहा है.
अधिकांश जिलों में दिख रहा बीजेपी की विकास यात्रा का दम
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. साल 2023 में होने वाले चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने विकास यात्रा के जरिए लोगों का विश्वास हासिल करने का प्रयास शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में विकास यात्रा का दम देखने को मिल रहा है. इस विकास यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के संगठन और अनुषांगिक संगठन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की हिस्सेदारी भी बढ़-चढ़कर हो रही है. विकास यात्रा में शामिल बड़े नेताओं द्वारा लगातार लोगों को साधने के लिए उनकी समस्याओं के समाधान भी किए जा रहे हैं.
जनता को रिझाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही कांग्रेस
दूसरी तरफ इस यात्रा के जवाब में कांग्रेस द्वारा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान भी चलाया जा रहा है. कांग्रेस का यह अभियान 26 मार्च तक चलने वाला है. इस अभियान के जरिए कांग्रेस लोगों का रुझान अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही है. हालांकि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का असर मध्य प्रदेश की उन विधानसभा सीटों पर कम देखने को मिल रहा है जहां पर बीजेपी के विधायक या मंत्री काबिज हैं. इसके अलावा दूसरे जिले जहां पर कांग्रेस के विधायक जीत कर आए हैं, वहां अभियान का खास तौर पर असर देखने को मिल रहा है.
बीजेपी और कांग्रेस के अभियान में मूल अंतर
बीजेपी की विकास यात्रा जिन स्थानों पर पहुंच रही है, वहां पर पहले ही रंगाई पुताई स्वच्छता और छोटी-छोटी समस्याओं का निदान करते हुए पूरा वातावरण अनुकूल बनाया जा रहा है. इसके अलावा इस अभियान में सभी वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी हो रही है. अभियान के जरिए सरकार पूरी तरीके से घर-घर तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है. दूसरी तरफ कांग्रेस का अभियान कुछ इलाकों तक सीमित हो गया है. कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के जरिए लोगों में सरकार के प्रति माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. इस अभियान में नेता बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं जो आने वाले चुनाव में विधानसभा टिकट के दावेदार हैं. अभियान को लेकर दावे बहुत किए जा रहे हैं मगर अभियान की सफलता को लेकर संशय भी बना हुआ है.
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान क्या है किसी को पता नहीं- बीजेपी
यदि दोनों राजनीतिक दलों के अभियान की बात की जाए तो कई स्थानों पर बीजेपी भारी पड़ रही है जबकि कई स्थानों पर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान जनता के बीच लोकप्रिय हो रहा है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ चिंतामणि मालवीय के मुताबिक विकास यात्रा का असर जनता के बीच देखने को मिल रहा है जबकि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान क्या है, किसी को पता नहीं है. बीजेपी हमेशा जनता के बीच काम करती है जिसका लाभ उसे मिल रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के मुताबिक हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के जरिए सरकार का भ्रष्टाचार भी आम लोगों के बीच पहुंचाया जा रहा है. जनता में वैमनस्यता और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को भी बेनकाब किया जा रहा है. सरकारें किस प्रकार से अदानी और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है यह भी बताया जा रहा है.
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