(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhind: रविंद्र सिंह तोमर बोले- 'चंबल में बने बिजनेस कॉरिडोर', नरोत्तम मिश्रा के 'डकैत' वाले बयान पर किया पलटवार
MP News: वहीं चंबल एक्सप्रेसवे का नाम बदल कर अटल प्रोग्रेस वे किये जाने पर उन्होंने कहा कि इसका नाम रामप्रसाद बिसमिल के नाम पर रखा जाना चाहिए था जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये.
Bhind News: 'अन्याय के खिलाफ बगावत करने की हिम्मत यदि किसी में है तो वह चंबल के लोगों में है, लेकिन आज ये चम्बल उपेक्षा की मार झेल रहा है. यहां की प्रगति के लिए अब बिज़नेस कॉरिडोर बनाना आवश्यक हो गया है.' यह मांग मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रवींद्र सिंह तोमर ने भिंड दौरे पर कहीं. वह रौन क्षेत्र टेहनगुर में आयोजित दंगल आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे.
लंबे समय से उपेक्षा की मांग झेल रहा है चंबल
दरअसल दिमनी विधायक इन दिनों जहां भी जा रहे हैं चम्बल के युवाओं के लिए इंडस्ट्रियल और बिज़नेस कॉरिडोर की मांग उठा रहे हैं. भिंड में टेहनगुर गांव में एक दंगल आयोजन के कार्यक्रम में शामिल होने आए दिमनी विधायक ने बताया कि वे बीते 15 वर्षों से हर वर्ष चम्बल इलाके में क़रीब सैकड़ों दंगल अटेंड करते हैं. इस बार उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. चम्बल के विकास की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा में भी यह बात उठाई थी कि इस चम्बल क्षेत्र में पचनदा समेत बहुत ज़मीन है जहां पर उद्योग धंधे लगाये जा सकते हैं. इस क्षेत्र को बिज़निस कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए क्योंकि चम्बल लंबे समय से उपेक्षा झेलता रहा है.
नरोत्तम मिश्रा के बयान पर किया पलटवार
उन्होंने सदन में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा चम्बल में डकैत वाले बयान पर भी पलटवार किया जिसमें मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि हमने चम्बल में डकैतों का सफ़ाया किया. कांग्रेस विधायक ने कहा कि चम्बल में कभी डकैत नहीं हुए. अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की क्षमता अगर किसी में हैं तो वह चम्बल घाटी के लोगों में है. उन्हें बागी कहा जा सकता है लेकिन डाकू बदमाश नहीं.
चंबल में बने बिजनेस कॉरिडोर
उन्होंने सरकारों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे यहां इस चम्बल क्षेत्र में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाएं जिससे इस क्षेत्र के जिन युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती उन्हें प्राइवेट नौकरी मिल सके. उन्होंने कहा कि यहां के युवा दूसरे राज्यों में जाकर छोटी-मोटी नौकरियां करते हैं और अपने माता-पिता की सेवा नहीं कर पाते और न बही सही से अपना पेट भर पाते हैं. इसलिए भिंड मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया इस क्षेत्र में बहुत सी जगह हैं जहां बिज़नेस कॉरिडोर बनने से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और क्षेत्र की सुख समृद्धि भी होगी.
चंबल एक्सप्रेसवे का नाम बदलने पर जताई आपत्ति
दिमनी विधायक ने कहा कि वे पिछले 15 वर्षों से इस बात को विधानसभा समेत कई जगहों पर उठा चुके हैं और अब इसे क्रांति के रूप में आगे बढ़ाना चाहते हैं जिससे इस क्षेत्र की जानता का हित हो सके. विधायक रवींद्र सिंह ने अटल प्रॉग्रेस-वे पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रस्तावित तो हुआ है लेकिन उसका समय निर्धारण तो होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चम्बल एक्सप्रेस-वे का नाम बदलने में ही कई वर्ष निकाल दिए. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कोई विरोध नहीं है लेकिन चम्बल कोई छोटा नाम नहीं है अगर रखना ही था तो रामप्रसाद बिसमिल के नाम पर रख देते जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये. इसलिए नाम बदलने से कुछ नहीं होगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ-साथ बिजनिस कॉरिडोर का निर्माण भी जल्द से जल्द हो जाना चाहिए.
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