MP News: पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा
Sagar News : पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने कहा कि एमपी में पिछले 15 सालों में तीन तीन पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री बने, लेकिन ओबीसी समाज का भला नहीं हुआ. सिर्फ कमलनाथ जी ने सार्थक प्रयास किए.
सागर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर कांग्रेस (Congress) ने शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) सरकार को घेरा है. सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर राज्य सरकार की रिपोर्ट को नकारते हुए बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने का फैसला सुनाया. अदालत ने 2 हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा है.
कांग्रेस विधायक ने क्या आरोप लगाए
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और पिछड़ा वर्ग के नेता और विधायक हर्ष यादव ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले. इसको लेकर तमाम हथकंडे और तमाम साजिशें रची जा रही थीं. उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया गया था.
सागर जिले के देवरी से विधायक हर्ष यादव ने कहा कि हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक गलत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा, बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया. पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने कहा कि एमपी में पिछले 15 सालों में तीन तीन पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री बने, लेकिन ओबीसी समाज का भला नहीं हुआ. सिर्फ कमलनाथ जी ने सार्थक प्रयास किए.
ओबीसी को आरक्षण
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव में भी शिवराज सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ मिले, इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचिदिगियां डाली गईं कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिले, लेकिन हमने लंबी लड़ाई लड़कर बीजेपी सरकर की इस साजिश को फेल कर दिया था.
उसके बाद आज यह फैसला आया है. यदि बीजेपी की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती, मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चित तौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता लेकिन शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी इसलिए उसने इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए. बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है. बीजेपी ने सवैधानिक संकट खड़ा किया और मगरमच्छ के आंसू बहा रही है. लेकिन कांग्रेस आज भी दृढ़ संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए.
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