जबलपुर: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की तीनों सेनाओं में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' (Agnipath Scheme) पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राजनीति शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) जहां इस योजना की तारीफ में कसीदे गढ़ रहे हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex CM Kamalnath) इसके खिलाफ मैदान में आ गए हैं. उन्होंने पूछा है कि यह अग्निपथ है या अग्निकुंड?


कमलनाथ ने क्या कहा है


प्रदेश कांग्रेस के चीफ कमलनाथ ने अपने बैक टू बैक तीन ट्वीट में 'अग्निपथ' की खामी गिनाते हुए कहा,''देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है. इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है. देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था चल रही है.सैनिक रिटायरमेंट तक या 14 साल तक देश की सेवा और सुरक्षा करें, भरपूर वेतन और सम्मानजनक रोजगार पाए, फिर सुरक्षित भविष्य  के साथ घर जाएं.''






पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि रोजगार बढ़ाने के दिखावे में सेना भर्ती की नई व्यवस्था शुरू की जा रही है. 'अग्निपथ' केवल 4 साल अल्प वेतन देने वाली "शॉर्ट टर्म"  सैनिक भर्ती व्यवस्था और फिर घर जाइए.अब क्या ऐसी 'टेंपरेरी अप्रोच' से भारत भूमि की रक्षा होगी और ऐसे भारत माता के सम्मान की सुरक्षा होगी? असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है? यह अग्निपथ है या अग्निकुंड?


शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने क्या घोषणा की है


वहीं एक दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार की इस योजना की तारीफ करते हुए कहा था कि चार साल बाद रिटायर होने वाले 'अग्निवीर' को मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.


यहां बता दें कि बिहार सहित कुछ राज्यों में युवाओं द्वारा भी इस योजना का विरोध हो रहा है. कई पूर्व सैन्य अधिकारी भी आशंका जता चुके हैं कि चार साल की नौकरी होने की वजह से सैनिकों में असुरक्षा की भावना होगी.


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