सीहोर: मध्य प्रदेश में 8 साल बाद त्रिस्तरीय नगरीय निकाय के चुनाव हो रहे हैं. जो बहुत दिलचस्प होते दिखाई दे रहा है. राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरा दमखम लगा रही हैं. कांग्रेस मध्य प्रदेश में अगली सरकार बनाने और वापस मैदान में आने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक में अपने प्रत्याशी उतारकर प्रदेश में फिर मजबूती से खड़ा होने के लिए दमखम लगा रही है. वहीं बीजेपी मिशन-2023 के साथ गांव-गांव में सरपंच और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में मजबूती से लड़कर विधानसभा चुनाव की राह आसान बनाने में लगी हुई है. 


मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के 3 चरणों में एक चरण संपन्न हो गया है. कई जिलों में ग्राम पंचायत और जिला पंचायत सदस्य के पद पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. इससे बीजेपी थोड़ी परेशान है. 


कहां-कहां जीती है कांग्रेस 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में 4 विधानसभा सीटे सीहोर, इछावर, आष्टा और बुधनी हैं. सीहोर विधानसभा क्षेत्र में प्रथम चरण के चुनाव संपन्न हो गए हैं. सिहोर विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. अभी वहां बीजेपी के सुदेश राय विधायक हैं. वो पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव जीते हैं. सीहोर विधानसभा क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य की 4 सीटें हैं. पंचायत चुनाव में इन सभी सीटों पर कांग्रेस ने धमाकेदार जीत दर्ज की है. 


हार पर क्या बोले बीजेपी के कार्यकर्ता


सीहोर विधानसभा क्षेत्र के जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 1 से शशांक सक्सेना, वार्ड क्रमांक 2 से राजू राजपूत, वार्ड क्रमांक 3 से रुखसार अनस खान और वार्ड क्रमांक 4 रचना डॉक्टर सुरेंद्र सिंह मेवाडा ने जीत दर्ज की है. पंचायत चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि अपने इलाके में विधायक सुदेश राय ने बीजेपी समर्थित जिन प्रत्याशियों का प्रचार किया वो सभी हार गए हैं. इसके बाद बीजेपी में बगावत शुरू हो गई है. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल अरोरा ने कहा कि यह विधायक सुदेश राय की हार है. उन्होंने कहा कि विधायक संगठन और पार्टी को अपने हिसाब से चला रहे हैं.


बीजेपी विधायक पर लगाया यह आरोप


उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रथम चरण का रिजल्ट आया है, वह बीजेपी के लिए शर्मनाक स्थिति है. जिला पंचायत, जनपद पंचायत और सरपंच पदों के लिए खड़े हुए उम्मीदवारों को सुदेश राय ने समर्थन दिया था. उनके लिए प्रचार-प्रसार किया था, उससे तो हर जगह बीजेपी के प्रत्याशियों की जीत होनी थी, लेकिन जहां-जहां विधायक ने अपनी पसंद के प्रत्याशी उतारे, वहां-वहां बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों की हार हुई है. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की नहीं बल्कि क्षेत्र के नेताओं की हार है. जसपाल अरोरा ने कहा कि यह सेमीफाइनल मैच है, जब इसमें यह स्थिति है तो 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए बहुत ही शर्मनाक स्थिति होगी. जसपाल अरोरा ने यह भी कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में जहां-जहां बीजेपी के बागी चुनाव मैदान में हैं, उससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है. 


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