Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में भोपाल समेत प्रदेश के करीब डेढ़ लाख स्वास्थ्यकर्मी बुधवार से काम बंद कर हड़ताल पर रहेंगे. वहीं इससे पहले मंगलवार को प्रदेश के तमाम जिलों से हजारों स्वास्थ्यकर्मी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आएंगे और उनके सामने अपनी मांगों को रखेंगे. इनमें कई मांगें तो 24 साल और उससे भी अधिक पुरानी हैं. इस दौरान कर्मचारियों ने तमाम जिम्मेदारों यानी अलग-अलग विभागों के अलग-अलग अधिकारियों को अलग-अलग सालों में 700 से ज्यादा आवेदन दिए हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने हर बार सिर्फ आश्वासन ही दिए. यही वजह है कि अब स्वास्थ्यकर्मी काम बंद कर हड़ताल करने जा रहे हैं.


41 सूत्री मांग रखेंगे सीएम के सामने
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि स्वास्थ्यकर्मी जिम्मेदारों को अपनी मांगों के बारे में बताएंगे. स्वास्थ्य विभाग समेत चिकित्सा शिक्षा और आयुष की तीन विधाओं की अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थाओं में सेवाएं देने वाले अलग-अलग कैडर के तमाम कर्मचारी संगठनों ने स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ बनाकर 41 सूत्री मांग रखी हैं. इन पर सुनवाई नहीं होने पर महासंघ के आह्वान पर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. महासंघ ने साफ कहा है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानीं तो 21 दिसंबर से पूरी तरह से काम बंद करके कर्मचारी हड़ताल करेंगे.


स्वास्थ्य कर्मियों की यह मांगें
आंदोलन कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की जो मांगे उसमें विभागों में सीधी भर्ती से पद पूर्ति की जाए. आउटसोर्स और रोगी कल्याण समिति में कार्यरत कर्मचारियों को रिक्त पदों पर समायोजित करें पुरानी पेंशन बहाल की जाए. नर्सिंग ऑफिसर को ग्रेड टू वेतनमान दिया जाए चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी में कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जाए. तमाम मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग ऑफिसर को तीन और चार वेतन वृद्धि दी जाए. सीधी भर्ती में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को परिवीक्षा अवधि में 70-80-90 प्रतिशत वेतन की व्यवस्था समाप्त की जाए. नर्सेस और पैरा मेडिकल स्टाफ को रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जाए. संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित किया जाए.


ये कर्मचारी होंगे हड़ताल पर
दरअसल, मंगलवार सुबह को सभी जिलों से स्वास्थ्यकर्मी यहां पहुंच जाएंगे और जेपी अस्पताल में एकजुट होंगे.यहां से स्वास्थ्यकर्मी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने जाएंगे. प्रदेश के सभी जिलों से एक-एक हजार कर्मचारी यहां पहुंचे हैं. वहीं चरणबद्ध आंदोलन में अस्पतालों में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से लेकर मरीजों के सैंपल लेने और जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और ओपीडी के कंम्प्यूटर ऑपरेटर और नर्सिंग स्टाफ भी शामिल हैं. अगर ये लोग हड़ताल पर गए तो अस्पतालों में सिर्फ डॉक्टर ही बचेंगे.इससे मरीजों को खासी परेशानी हो सकती है. 



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