Indore News: राजनीतिक गलियारे में चुनाव कि आहट होते ही कानून को ताक पर रखकर जिम्मेदार नेता और अधिकारी आंख मूंद कर बैठ जाते हैं. ऐसा ही मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में देखने को मिल रहा है. राज्य में नगरीय निकाय चुनाव चल रहे है और आगामी 6 जुलाई को मतदान होने वाला है. जिसके चलते इंदौर में कोरोना के लगातार बढ़ते हुए मामलो को जिम्मेदार अधिकारी, नेता अनदेखा कर रहे हैं.


दरअसल इंदौर में कोरोना से संक्रमित लोगों कि संख्या एक बार फिर बढ़ती देखी जा रही है. इसके बावजूद कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने वाले जिम्मेदारो कि जुबा पर कोरोना का नाम तक नहीं आ रहा है बल्कि वे चुनाव करवाने में व्यस्त नजर आ रहे हैं. वो भूल ही गए हैं कि प्रति दिन शहर में कोरोना से संक्रमित लोगो कि संख्या बढ़ती ही जा रही है. 


स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में कोरोना पॉजिटिव कि संख्या में अचानक से इजाफा हुआ है. शहर में 45 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. वहीं 33 कोरोना संक्रमितों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. इसके बावजूद 182 कोरोना संक्रमित का इलाज चल रहा है. वही अब तक कोरोना संक्रमण के कारण 1463 लोगों के परिवार ने अपनों को खोया है. वहीं कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों में ऐसे बच्चे भी हैं जिनके सर से अपने माता-पिता दोनों का साया उठ चुका है.


एक बार फिर बढ़ रहा कोरोना


बता दें कि शहर के जिम्मेदार चुनावी रैलियों के लिए नेताओं के साथ खड़े होकर उनके कंधे से कंधा मिलाकर साथ देते हुए नजर आ रहे हैं. दूसरी ओर शहर में फिर एक बार फिर महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. गौरतलब है कि वे जिम्मेदार जो कोरोना काल में कानूनी कोरोना गाइडलाइन कि दुहाई देते थे आज मौन धारण कर बैठे हैं. आख़िरकार इसका मतलब क्या है?


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