जबलपुर: भारतीय रेल द्वारा देश का सबसे बड़ा ग्रेड सेपरेटर मध्य प्रदेश के कटनी में बनाया जा रहा है.करीब 35 किमी लंबा ग्रेड सेपरेटर कटनी-बीना खंड पर मालगाड़ियों के निर्बाध परिचालन में न केवल गति लाएगा बल्कि परिचालन समय में भी बचत करेगा.इसे सामान्य भाषा मे रेल गाड़ियों का फ्लाईओवर भी कहा जा सकता है.




कोविड-19 के बावजूद WCR ने अपने अधोसंरचना कार्य में मजबूती प्रदान की है
पश्चिम मध्य रेल (WCR) द्वारा अधोसंरचना कार्य परियोजना में त्वरित गति से विस्तार किया जा रहा है. कोविड-19 कि चुनौतियों के बावजूद WCR ने अपने अधोसंरचना कार्य में मजबूती प्रदान की है. इसी श्रंखला में पमरे के जबलपुर मण्डल के कटनी में ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है.





ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई 34.9 किमी है
यह प्रोजेक्ट वर्ष 2016 में स्वीकृत हुआ था. इस ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई 34.9 किमी है. इसमें वॉयडक्ट (18.3 किमी), रिटेनिंग वॉल (4.3 किमी) तथा अर्थवर्क (12.3 किमी) के साथ ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस ग्रेड सेपरेटर में कुल 673 पियर्स/अब्यूटमेंट्स, 08 रेल ओवर ब्रिज (आरओआर), 06 मेजर ब्रिज निर्माण कार्य के साथ एलिवेटेड डेक पर पॉइंट्स और क्रोसिंग का भी कार्य किया जा रहा है.


देश का सबसे बड़ा ग्रेट सेपरेटर होगा

WCR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार के मुताबिक इसमें उच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल एवं तकनीक के साथ हैवी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत 2.6 लाख क्यू-एम कंक्रीट, 37000 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का उपयोग किया जा रहा है. यह देश का सबसे बड़ा ग्रेट सेपरेटर होगा. इस परियोजना की कुल निर्माण कार्य लागत रुपये 1247.64 करोड़ है. इस निर्माण कार्य का 25 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है.यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.







ग्रेड सेपरेटर बनने से बीना-कटनी के रेलखण्ड में मालगाड़ियों के परिचालन में होगी वृद्धि

इस ग्रेड सेपरेटर के बन जाने से बीना-कटनी के रेलखण्ड में मालगाड़ियों के परिचालन में वृद्धि के साथ उनकी गति भी बढ़ेगी. इस परियोजना के पूर्ण होने से कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जायेगा तथा कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखण्ड का बायपास होगा. गुड्स परिवहन में वृद्धि होने से मालगाड़ियों के परिचालन समय में भी बचत होगी.इसके साथ ही आवागमन में आसानी होगी. WCR के राजस्व में भी वृद्धि होगी.
        
ये भी पढ़ें


Ujjain News: द्वारकाधीश के दरबार पहुंचे बाबा महाकाल, शाही ठाठ-बाट से निकली सवारी


पटना म्यूजियम और बिहार संग्रहालय को जोड़ने वाले अंडरग्राउंड टनल के निर्माण आएगी तेजी, लोगों की सुविधाओं का खास ध्यान