MP Singrauli News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की उर्जाधानी सिंगरौली (Singrauli) यूं तो खनिज संपदाओं के साथ बिजली का गढ़ माना जाता है लेकिन अब यह जिला अपराधियों (Criminals) का भी अड्डा बनता जा रहा है. जिले में क्राम (Crime) का ग्राफ थम नहीं रहा, बल्कि अपराधिक गतिविधियां में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अपराधियों बेखौफ वारदातों को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते हैं. जिले की पुलिस (Police) पर आरोप है कि वह अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है. पुलिस पर वसूली करने और अपराधियों को खुला संरक्षण देने का भी आरोप है. माना जा रहा है कि इसी वजह से अपराधी अपने नापाक मंसूबों को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं.
पुलिस डायरी के ये आंकड़े बताते हैं कि जिले के अलग-अलग थानों से कुल 151 दिन में कुल 1657 अपराध दर्ज हुये. हत्या के 18 मामले, दुष्कर्म के 33 और अपहरण के 66 मामले घटित हुए. ये वो अपराध हैं जिनमें पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करती है लेकिन आपको जानकर हैरानी भी होगी कि दुष्कर्म और अपहरण के कई मामलों में पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है. सिंगरौली में 2021 में अपराध के 1,717 मामले दर्ज हुए. वहीं, 2022 के शुरुआती पांच महीनों यानी जनवरी से लेकर मई तक 1,657 अपराध के मामले दर्ज हुए.
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जनवरी से 31 मई 2022 तक के कुछ मामले
हत्या - 18
हत्या का प्रयास - 04
दुष्कर्म - 33
अपहरण - 66
छेड़छाड़ - 35
चोरी - 54
घर में सेंधमारी - 43
लूट - 03
बलवा - 02
अपराध में देहात के थाने शहरों से आगे
शहरी क्षेत्रों के मुकाबले देहात के थाना क्षेत्र अपराधिक मामलों आगे देखे जा रहे हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. आरोप यह भी है कि थानेदार अपराधियों पर अंकुश लगाने की रुचि नहीं लेते हैं. आदिवासी क्षेत्रों में ज्यादातर हत्याओं की घटनाएं घटित हुईं. ऐसी ज्यादातर वारदातों में रिश्तों का कत्ल हुआ. आरोप है कि वारदात के बाद भी थानेदारों की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक नहीं किया जाता है. हालांकि, ऐसा भी देखा गया है कि अधिकारियों के निर्देश थानेदार एक-दो जागरूकता शिविर थाने के आसपास आयोजित कर लेते हैं.
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