Pandit Pradeep Mishra: कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है. पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाओं में लगातार भीड़ बढ़ने की एक महत्वपूर्ण वजह सामने आई है. महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि पंडित प्रदीप मिश्रा की सभी स्थानों पर होने वाली कथाएं अलग-अलग होती है. बुरहानपुर में उन्होंने अश्वत्थामा से जोड़कर शिवपुराण की कथा बताई थी जबकि उज्जैन में वे महाकाल और विक्रमादित्य से जोड़कर इसे बता रहे हैं. 


दरअसल, धार्मिक नगरी उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा की मुरलीपुरा इलाके में शिव महापुराण की कथा चल रही है. इस कथा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इन श्रद्धालुओं में शामिल बुरहानपुर की कुछ महिला श्रद्धालुओं ने रोचक जानकारी दी. बुरहानपुर की रहने वाली सविता देवी ने बताया कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने बुरहानपुर में भी कथा की थी, उस समय उन्होंने शिव महापुराण के दौरान अश्वत्थामा को लेकर कई ऐसी कथाएं सुनाई थी, जो पहले श्रद्धालुओं को सुनने को नहीं मिली थी, जबकि उज्जैन में चल रही कथा में हुए भगवान महाकाल और सम्राट विक्रमादित्य से जोड़कर कई रोचक कथाएं सुना रहे है. 


लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
वहीं श्रद्धालु शिवानी के मुताबिक पंडित प्रदीप मिश्रा जहां भी कथा सुनाते हैं, वहां पर अलग-अलग रोचक कथाएं सामने आती है. इन्हीं कथाओं को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है. जिन श्रद्धालुओं ने बुरहानपुर में कथा सुनी थी वे सभी उज्जैन आ गए. अब आने वाले समय में जब पंडित प्रदीप मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में कथा करेंगे, तो वहां भी श्रद्धालु पहुंचेंगे. इस प्रकार हर कथा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. श्रद्धालुओं का एक कथा से जुड़ने के बाद लगातार हर कथाओं में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है.


पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या दोगुनी
पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी शामिल हो रहे हैं, लेकिन सबसे खास बात यह है कि उनकी कथाओं में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या दोगुनी है. उज्जैन में आयोजित कथा में 2 लाख श्रद्धालुओं के हिसाब से इंतजाम किए गए हैं. ऐसी उम्मीद है कि पूरी कथा के दौरान सभा स्थल पर 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं का आगमन होगा. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी है जो दिन-रात कथा स्थल पर ही डटे हुए हैं. 2 दिन पहले से ही कथा स्थल पर जगह आरक्षित कर ली गई थी.


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