Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर सामने आई है, जहां मादा चीता ज्वाला से जन्मे 4 शावकों में से एक शावक की मौत हो गई है. हालांकि अभी मौत का कारणों का खुलासा नहीं हुई है. वहीं शावक की इस मौत पर कूनो नेशनल पार्क के वन अधिकारी ने बताया कि ज्वाला नाम की मादा चीता के शावक की मौत हो गई है. वन विभाग की टीम मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी है.
कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने ओर उनके कुनबे को बढ़ाने के लिए इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री इस नेशनल पार्क में लाए थे, लेकिन कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बढ़ने की वजाय घट रहा है और ऐसे में यहां से चीते शिफ्ट करके राजस्थान ले जाने की तैयारियां या यूं कहें की सुझाव पर चर्चा हो रही है.
लगातार जारी चीतों की मौत का सिलसिला
कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत हो रही है. मार्च में मादा चीता सासा की मौत फिर अप्रैल में उदय नाम के चीते की मौत और फिर मादा चीता दक्षा की मौत के बाद आज मादा चीता ज्वाला के शावक की मौत हो गई है. लगातार हो रहीं इन मौतों से यह साफ नजर आ रहा है कि कूनो नेशनल पार्क में मॉनिटरिंग टीम और साथ मे लगे एक्सपर्ट सिर्फ खानापूर्ति में लगे हैं.
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
वहीं कूनो प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कूनो नेशनल पार्क में बीते दो महीने में तीन चीतों की मौत हो चुकी है, वहीं एक शावक ने भी दम तोड़ दिया है. लगातार कूनो में घट रहे चीतों के कुनबे से अब एक बार फिर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल पर उठ रहे हैं.
अब बचे हैं 20 चीते
दो से 3 महीने के अंदर ही मादा चीता साशा फिर नर चीते उदय की मौत ओर फिर मादा चीता दक्षा की मौत हो चुकी है. तीन चीतों और एक शावक की मौत के बाद अब कूनो में 24 में से 20 चीते बचे हैं, जिसमे से 17 नर मादा चीते ओर 3 शावक हैं.
बता दें कि पहले नामीबिया से फिर साउथ अफ्रीका से अलग अलग खेप में कूनो नेशनल पार्क में लाये गए थे. साथ ही सभी चीतों को क्वारंटीन किया गया था, जिनके लिए अलग-अलग छोटे बाड़े बनाये गए थे, जिसमे सभी को शिफ्ट किया गया था और अलग अलग अवधि में बड़े बाड़े में छोड़ा गया था.
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