सीहोर: आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है.देश और देशवासियों की उन्नति के लिए भारत सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं.इन्हीं में से एक योजना है अमृत सरोवर योजना. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रिय योजनाओं में से एक है. यह योजना पूरे देश में चलाई जा रही है.इसमें बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए तालाब बनाए जा रहे हैं. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो सकती है.यह पर्यटन को बढ़ाने के साथ-साथ सिंचाई,प्राकृतिक जलस्रोतों को रिचार्ज करने और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आय बढ़ाने का काम करेगी.


सीहोर में कितने तालाब बनाए जा रहे हैं


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में 75 अमृत सरोवर तालाब बनाने लक्ष्य रखा गया है.लेकिन अभी तक इन तालाबों के लक्ष्य में सिर्फ 21 ही प्रशासन ने कंप्लीट किए हैं. यह अमृत सरोवर आकार तो लेने लगे हैं.लेकिन इसके लिए तय नियमों को ही ताक पर रख दिया गया है.यहां अफसरों का पूरा जोर सरोवर की गिनती पूरी करने पर है ना कि इसके निर्माण के पीछे के पुनीत उद्देश्य को हासिल करने पर.


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की बात करें तो यहां स्वतंत्रता दिवस पर 75अमृत सरोवर के किनारे ध्वजारोहण करने का लक्ष्य निर्धारित है.लेकिन अभी तक 21 तालाब ही ध्वजारोहण के लिए तैयार हो सके हैं.ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश के अन्य जिलों का भी है. अमृत सरोवर तैयार करने में जरूरी तकनीकी और निर्धारित मानक भी पूरे नहीं किए जा रहे हैं.तालाब खुदाई से पहले ना मिट्टी की जांच की गई और ना ही सरोवर में बरसात का पानी संचित करने के लिए पक्की नालियों का निर्माण किया गया.संचित जल से भूगर्भ को समृद्ध करने के लिए मृदा और भौगोलिक स्थिति की जांच के लिए टोपोग्राफी कराने के मानव की खानापूर्ति बस कागजों में ही की जा रही है.


तालाब पर क्या-क्या काम होना है


इस संबंध में पूछते ही जिम्मेदार लोग सवाल टाल जाते हैं.तालाब का काम करते अफसरों का सिर्फ एक ही मुख्य उद्देश होता है जल्द से जल्द तालाब का निर्माण कराना और उसमें पानी भर देना ही है.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में अमृत सरोवर योजना को पलीता लगाने में अधिकारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. आधे अधूरे अमृत सरोवर पर 15 अगस्त को झंडा वंदन कर इतिश्री कर लेंगे.


सीहोर जिले के भाऊखेड़ी, खेरी गांव में बने अमृत सरोवर तालाब पहुंचकर एबीपी न्यूज़ सवावंदाता ने पड़ताल की तो अमृत सरोवर की तालाब की हकीकत सामने आई. इन नियमों के तहत अमृत सरोवर बनकर होना है तैयार अमृत सरोवर के चारों ओर पैदल पथ ऊंची दीवार के साथ सीढी युक्त रैप तालाब में पानी के प्रवेश द्वार, निकासी के लिए आउटलेट-इनलेट तालाब के चारों और तार के माध्यम से फेंसिंग लगाने और बैठने के लिए बेंच आदि का निर्माण कार्य किया जाना है.तालाब के चारो ओर विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपना भी एजेड़े में है. लेकिन एक भी ऐसा तालाब नहीं मिला जहां सुंदरीकरण के सब काम पूरे हो गए हों.


अधिकारी का क्या कहना है


जब इस मामले को लेकर हमने जिला पंचायत कार्यालय के मनरेगा अधिकारी प्रमोद त्रिपाठी से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने बताया कि यह जो आप बता रहे हो ऐसा कोई नियम नहीं है. मैं नियम पढ़ कर ही बताऊंगा फिर आप मुझसे ज्यादा जानकार हैं. 


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