MP News: किसानों की आय दोगुनी करने की कवायद जारी है. लागत के अनुरूप अधिक उत्पादन और लाभ दिलाने के लिए मिट्टी की उर्वरा क्षमता का आकलन और आवश्यकता अनुसार उसका उपयोग हो इसके लिए मिट्टी जांच पर पूरा जोर दिया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार तहसील स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खोली है लेकिन जिलेभर में मिट्टी की जांच कराए बिना ही खेती की जा रही है.


नहीं हुईं कर्मचारियों की नियुक्ति
प्रदेश के इछावर, नसरुल्लागंज, आष्टा, बुधनी तहसील मुख्यालय स्थित मिट्टी परीक्षण केंद्र में जांच के लिए कोई तकनीकी एक्सपर्ट ही नहीं है. इतना ही नहीं परीक्षण के लिए केंद्र तो बना दिए, लेकिन अब तक कर्मचारियों की नियुक्ति तक नहीं हुई. कृषि विभाग के अंतर्गत तहसील स्तर पर ब्लाक स्तरीय मिट्टी परीक्षण केंद्र हैं. ताकि किसान यहां से अपने खेत की मिट्टी की जांच कराकर उसकी उर्वरा शक्ति सहित अन्य रासायनिक तत्वों की जानकारी हासिल कर खेत में बोवनी कर सके, लेकिन मुख्यालय स्थित केंद्र में तकनीकी एक्सपर्ट नहीं होने से लंबे समय से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा.


इस वजह से नहीं हो पा रही जांच
इस साल कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश शासन ने किसी भी जिले में मिट्टी परीक्षण के आदेश नहीं दिए. इसलिए किसी भी प्रकार की सैंपलिंग नहीं हुई. जबकि 2019 में मुख्यालय पर ही मिट्टी के सैंपल जांच के लिए आए थे. वहीं तकनीकी एक्सपर्ट नहीं होने से इनकी जांच अब तक नहीं हुई और वे सैंपल अब भी धूल खा रहे हैं. यही नहीं ब्लॉक स्तर स्थित परीक्षण केंद्रों पर ताले लगे हैं. यहां पर चार साल में एक भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हुई.


मायूस लौट रहे जांच कराने आए किसान
एबीपी न्यूज की टीम जब नसरुल्लागंज, इछावर मिट्टी परिक्षण केद्र पर पहुंची तो केद्र मै ताले लटके थे. कोई भी कर्मचारी नही मिला. नसरुल्लागंज मै किसान गोपाल शर्मा जो 25 एकड़ जमीन के किसान हैं. नए नए तरीके से खेती करते हैं, यहां मिट्टी की जांच करवाने लाए थे. लेकिन केद्र बंद होने के कारण मायूस ही लौट गए .वहीं कृषि विभाग के कर्मचारी अधिकारी को फोन भी लगाए लेकिन किसान को कोई जबाब नहीं दिया .


'कृषि अधिकारी नहीं देते ध्यान'
इछावर में किसान महेश वर्मा का कहना है मिट्टी परीक्षण केंद्र का पता है कि सीहोर में है लेकिन यह पता नही केद्र इछावर में भी जहां मिट्टी का परीक्षण होता होगा. हम तो कई सालों से परेशान हैं कृषि अधिकारी कोई भी ध्यान नही देता है.


हर साल लेना है पांच हजार सैंपल
कृषि विभाग के अनुसार मिट्टी परीक्षण केंद्र में मुख्यालय स्तर पर मिट्टी के पांच हजार सैंपलों की जांच हर साल करनी होती है. परीक्षण अधिकारी रबी और खरीफ सीजन के पहले आए इन सैंपलों की जांच कर किसानों तक पहुंचाते हैं, जिसके अनुसार किसान अपने खेत में बोवनी करते हैं. वहीं अधिकारियों का कहना है कि पूरे मध्य प्रदेश में स्टाफ की कमी है सरकार जल्द ही मिट्टी परीक्षण केद्रों पर स्टाफ की भर्ती करने वाली है.


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