Jabalpur News: लैंड स्कैम,धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग जैसे गंभीर आरोप में फंसे जबलपुर (Jabalpur) के पूर्व बिशप पीसी सिंह पर ईडी (Enforcement Directorate)ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है. ईडी की टीम ने बुधवार की सुबह पीसी सिंह और उनके राजदार सुरेश जैकब के घर अचानक छापा मारा.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 20 अधिकारियों की टीम ने जबलपुर में दो ठिकानों पर छापा मारा. जहां फर्जीवाड़े से जुड़े मिशनरी लैंड स्कैम और फॉरेन फंडिंग से जुड़े दस्तावेजों की जांच पड़ताल की गई.
जमानत पर है पीसी सिंह
जमीन फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज केस में पीसी सिंह फिलहाल जमानत पर बाहर है सीएनआई यानी (द चर्च ऑफ नार्थ इंडिया) से जुड़ी कई ईसाई मिशनरी संस्थानों में ईडी की टीम ने बुधवार को दबिश दी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देश भर में पांच ठिकानों पर ईडी की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी कर कार्रवाई की. साथ ही सीएनआई और उससे जुड़ी संस्थानों पर शिकंजा कसा है.
ईओडब्ल्यू के बाद ईडी ने कसा शिंकजा
इस कार्यवाही में सबसे बड़ा नाम सीएनआई के पूर्व मॉडरेटर पीसी सिंह का है. जो विगत दिनों जेल की हवा खाकर जमानत पर वापस लौटा है. ईओडब्ल्यू द्वारा मारे गए छापे के बाद सुर्खियों में आए बिशप पीसी सिंह के ठिकानों से विदेशी करेंसी और अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ था. शुरुआती छापेमारी में ईओडब्ल्यू ने पूर्व बिशप के घर से 1 करोड़ 65 लाख रुपये की नगदी बरामद की थी.
इसके साथ ही जबलपुर स्थित उसके आवास से बड़ी मात्रा में विदेशी करेंसी भी बरामद की गई थी. इस मामले में ईओडब्ल्यू की जांच पड़ताल में पीसी सिंह के कुल 174 बैंक खातों की जानकारी भी ईओडब्ल्यू को मिली थी. ईओडब्ल्यू की इस कार्रवाई के बाद ईडी ने पूरे मामले में दखल दिया था. सभी जानकारी और दस्तावेज जुटाते हुए ईडी ने पूर्व बिशप पीसी सिंह पर फेमा के तहत मुकदमा दर्ज किया है. ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में उसके खिलाफ कई हजार पन्नों का चालान पेश कर दिया गया.
ईओडब्ल्यू की जांच के बाद ईडी ने भी अपनी कार्रवाई को रफ्तार दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम ने जबलपुर में पीसी सिंह, उसके करीबी सुरेश जेकब, नागपुर स्थित डायसिस के ऑफिस और मुंबई स्थित सीएनआई के दफ्तर में एक साथ छापा मारा है. कहा जा रहा है कि ईडी के हाथ सीएनआई की फॉरेन फंडिंग को लेकर कुछ बड़ा सबूत हाथ लगा हैं. इसमें कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. विदेशी फंडिंग के साथ-साथ लैंड स्कैम से प्राप्त हुई राशि का इस्तेमाल धर्मांतरण में होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है.